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09 अक्तूबर 2012

अंधविश्वास में पागल, कुपोषित बच्चे को गरम दरांती से दागा



खंडवा/रोशनी। खून की कमी और डायरिया से पीडि़त कुपोषित बच्चे के ठीक होने की उम्मीद में परिजन ने उसे गरम दरांती से दाग दिया। इस अमानवीय बर्ताव के बाद एक साल के मासूम की स्थिति और बिगड़ गई। मंगलवार को उसकी मां उसे लेकर बाल शक्ति केंद्र पहुंची।
हरदा जिले की खिरकिया तहसील के वनग्राम सालीढाना (घोघराघाट) की उर्मिलाबाई पति रमेश कुपोषित बेटे सचिन को लेकर मंगलवार को रोशनी पुनर्वास केंद्र पहुंची। यहां बच्चे वजन तीन किलो से भी कम निकला। बच्चे के हाथ-पैर सहित पूरे शरीर पर झुर्रिंयां पड़ गई हैं। उसे देखकर केंद्र के स्टाफ का दिल भी पसीज गया।
रोशनी बाल शक्ति केंद्र से उसे तुरंत खंडवा रैफर कर दिया गया। बच्चे की मां उर्मिलाबाई ने बताया कि सचिन को खिरकिया के बाल शक्ति केंद्र में 12 दिन भर्ती रखा गया था। वहां से भी छुट्टी कर दी गई। इसके बाद गांव के एक व्यक्ति ने चाचवे (गरम दरांती) से दागकर इलाज किया। हालत बिगडऩे पर मां रोशनी केंद्र लेकर आई। यहां से उसे खंडवा भेजा गया। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चे को भर्ती कर इलाज चालू कर दिया। उधर, खिरकिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ डॉ. किशोर नागवंशी सहित सुपरवाइजर रेखा चावरेकर ने इस नाम का बच्चा गांव में होने से ही इनकार कर दिया।
भाग जाते हैं लोग
आदिवासी लोग सुनते ही नहीं हैं। जैसे-तैसे इन्हें केंद्र में भर्ती कराओ तो दो-तीन दिन में ही भाग जाते हैं, फिर भी मैं पता करती हूं।
- कांता देशमुख, परियोजना अधिकारी, खिरकिया

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