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16 अक्तूबर 2012

'मुझे डिसमिस कर दो या चैन से नौकरी करने दो'


 
 
\'मुझे डिसमिस कर दो या चैन से नौकरी करने दो\'
चंडीगढ़। वरिष्ठ आईएएस अफसर अशोक खेमका ने 21वर्ष में अपनी 41वीं पोस्टिंग पर सोमवार को शाम साढ़े चार बजे ज्वाइन किया।
 
भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा, 'मैं सीएम से निवेदन करूंगा कि मुझे इस पद पर कम से कम दो वर्ष तक चैन से नौकरी करने दें। अगर मुझसे इतने ही परेशान हैं तो डिसमिस कर दो, लेकिन परेशान मत करो। फिलहाल मेरा प्रोटेस्ट जारी रहेगा, मैंने कोई गलत काम नहीं किया। बल्कि गलत काम करने वालों को पकड़वाया है। मैं इनकी दया पर नहीं जीता।'
 
21  साल के करिअर में 40 बार ट्रांसफर किए गए हरियाणा के आईएएस अफसर अशोक खेमका ने चीफ सेक्रेटरी से पत्र लिखकर पूछा था कि उन्हें उनका कसूर बताया जाए, तभी वे बीज विकास निगम में ड्यूटी ज्वाइन करेंगे। हाल ही में हुए तबादलेके बाद जब उनकी प्रतिक्रिया पूछी गईतो उन्होंने कहा- 'दुष्कर्म के शिकार से पूछ रहे हो कि कैसा लग रहा है? यह तो तबादला करने वाले बताएंगे। ' 
 
खेमका वही अफसर हैं, जिन्होंने गुडग़ांव के पंचायती जमीन घोटाले का खुलासा कर सरकार और कुछअ फसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।
 
क्या लिखा है पत्र में
 
चीफ सेक्रेटरी पीके चौधरी को भेजे गए पत्र में खेमका ने अपनी जान को खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के खिलाफ उन्होंने मुहिम चलाई, उनसे धमकियों भरे फोन आते रहते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि एक आईएएस अधिकारी को कम से कम दो साल तक एक पद पर रखना जरूरी होता है, लेकिन सरकार इस नियम का उल्लंघन करती रही है। उनका कहना है कि जिस पद परउन्हें तैनात किया जा रहा है, उस पर पहले उनसे 12 साल जूनियर अफसर तैनात था।
 
क्या है मामला
 
1991  के बैच के आईएएस अफसर अशोक खेमका को चक्कबंदी विभाग से बीज विकास निगम में ट्रांसफर किया गया है, लेकिन खेमका ने चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर आशंका जताई है कि उनका तबादला नेताओं और कुछ अफसरों के इशारे पर किया गया है। 
 
कई घोटाले किए उजागर
 
खेमका ने शिक्षक भर्ती घोटाला,हरियाणा इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंटकॉर्पोरेशन में उपकरण खरीद घोटाला,गुडग़ांव में पंचायती जमीन घोटालाजैसे कई घोटाले उजागर किए।पंचायती जमीन घोटले में उन्होंने कईअधिकारियों पर आरोप लगाए। इसके80 दिन बाद उनका तबादला हो गया।
 
कार तक छीन ली थी
 
खेमका ने बताया कि चौटाला सरकार के कार्यकाल में उनकी सरकारी कार भी छीनली गई थी। वे साइकिल पर सचिवालय आते थे। हरियाणा इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन में खेमका ने सवाल उठाया था कि बिना टेंडर 25-50 लाख का प्रोजेक्ट कैसे दे दिया गया। यहां से उन्हें 50   दिन के बाद ही ट्रांसफर कर दिया गया।
 
सरकार को ट्रांसफरकरने का हक: चौधरी
 
चीफ सेक्रटरी पीके चौधरी ने कहा किखेमका का ट्रांसफर किसी रंजिश याराजनीतिक दबाव में नहीं किया गया है। यह एक नियमित सरकारी फैसला है। किसी भी अधिकारी को ट्रांसफर करना सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। 
 

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