सीकर/लक्ष्मणगढ़.डेढ़ माह के जिस बच्चे के जड़ूले के लिए
सालासर जा रहे थे सड़क हादसे ने उसे ही छीन लिया। परिवार की खुशियां पलभर
में मातम में बदल गई। आंखों के सामने कलेजे के टुकड़े को जाते देख मां
सुधबुध खो बैठी।
दादी तो डबडबाई आंखों से एक घंटे तक उसे कलेजे से चिपकाए हुए कहती रही
कि ‘मेरा लाल जिंदा है’। सोमवार सुबह लक्ष्मणगढ़ सालासर मार्ग पर बस
द्वारा टैंपो को टक्कर मारने से सनवाली के पास ये दर्दनाक हादसा हुआ। हादसे
में डेढ़ माह के बच्चे की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए।
ये लोग हिसार से जड़ूले के लिए सालासर जा रहे थे।
जानकारी के मुताबिक मोठसरा आदमपुर (हिसार) निवासी सुरेंद्र पुत्र
बीरबल के डेढ़ माह पहले बेटा हुआ था। बेटे का नाम अनमोल रखा था। उसके
जड़ूले व सवामणी प्रसाद के लिए परिवार के लोग रविवार रात सालासर के लिए
रवाना हुए थे। सोमवार सुबह सनवाली के पास सामने से आ रहे अनियंत्रित ट्रक
को बचाने के चक्कर में इनकी टैंपो को पीछे से आ रही बस ने टक्कर मार दी।
जिससे टैंपो पलट गया।
सामने से आ रहा ट्रक भी रोड से नीचे उतर गया। हादसे में टैंपो में
सवार धर्मवीर, सुरेंद्र, शीतल, सुशील, शुभम, भगवानी देवी, जारू देवी, रितू,
निर्मला, राजकुमार व डेढ़ माह का बच्चा अनमोल घायल हो गए। सालासर जा रहे
अन्य जातरू इन्हें तुरंत ही लक्ष्मणगढ़ अस्पताल लेकर गए जहां से सीकर रैफर
कर दिया गया। एसके अस्पताल में अनमोल ने दम तोड़ दिया। सूचना पर मौके पर
पहुंची पुलिस ने दोनों वाहनों को जब्त कर लिया है और मामले की जांच जारी
है।
जिंदा मान कलेजे से चिपकाए रखा
डेढ़ माह के बच्चे की मौत का पता लगते ही उसकी दादी निर्मला बदहवास हो
गई। दादी ने पोते को कलेजे से लगाया और यह कहते हुए लिपट गई कि मेरा लाल
जिंदा है। करीब एक घंटे तक परिवार के लोग उसे मनाते रहे। इसके बाद बच्चे को
ले जाया जा सका। मां शीतल का भी रो रो कर बुरा हाल था।
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