हमारे भारत में सरकारी दूरसंचार कम्पनी के कर्मचारी डेपुटेशन पर आये कर्मचारियों अधिकारीयों को हटाने की मांग को लेकर हडताल पर वाले है ....बी एस ऍन एल कर्मचारियों का कहना है के अगर इस कम्पनी का प्रबन्धन डेपुटेशन पर आये कर्मचारियों के हाथों में नहीं होता तो यह कम्पनी निरंतर घटे में होने की जगह फायदे में रहती और टू जी स्पेक्ट्रम जेसे महाघोटाले नहीं होते ..............बात सही भी है एक तरफ यह सरकारी कम्पनी है जो निरंतर घटे में है और सेवाओं में त्रुटी के दोष की अपराधी है दूसरी तरफ इनसे सस्ते दामों पर सेवायें दे रही प्राइवेट कम्पनी है जो निरंतर फायदे में है इसके पीछे जरुर कुछ राज़ तो है जिसकी बुनियाद कर्मचारियों ने समझ ली है और वोह कहते है के बाहर से दूसरी कम्पनियों के मेनेजमेंट अधिकारी बी एस ऍन एल को घुन की तरह खा रहे है ..उनका आरोप है के मैनजमेंट डेपुटेशन का जिसका कम्पनी और कर्मचारियों से कोई आत्मिक लगाव नहीं कोई जवाबदारी नहीं कोई ज़िम्मेदारी नहीं ऐसे में जब अधिकारीयों का बी एस ऍन एल से कुछ लेना ही नहीं तो फिर तो वोह मजे करेंगे और उन्हें कम्पनी डूबे या तिरे इससे उन्हें क्या लेना देना ...अब कर्मचारी सरकार और बी एस ऍन एल के घाटे के इस खेल को समझ गए है और उन्होंने साफ तोर पर कह दिया है के अधिकारी अगर बी एस ऍन एल कम्पनी में रहना चाहते है तो रहे लेकिन कम्पनी के हितेषी और जवाबदार बन कर रहें और इसके लियें उन्हें कम्पनी में समायोजित होना पढ़ेगा वरना बाहर के गेर लोग कम्पनी का प्रबन्धन सम्भालें तो यह हमे बर्दाश्त नहीं है ..बात भी सही है गेरों को इस कम्पनी का दुःख दर्द समझ में केसे आएगा और हालत यह है के जो कम्पनी दस हजार करोड़ मुनाफे में थी आज वाही कम्पनी निरंतर घाटे में जा रही है और इस घाटे का रहस्य भी यही है यह आंकड़ा दस हजार करोड़ रूपये घटे तक पहुंच गया है हाई कोर्ट ने भी देपुतेष्ण कर्मचारियों को हटाने के निर्देश दिए है लेकिन सरकार टस से मस नहीं हो रही है ...बी एस ऍन एल कर्मचारी अपनी इन मांगों के समर्थन में अब अगले हफ्ते से धरना प्रदर्शन कर हडताल करेंगे देखते है इस वाजिब लड़ाई का नतीजा क्या निकलता है और सरकार इस मामले में अपना क्या तर्क देती है .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 अक्तूबर 2012
बी एस ऍन एल को घटा देने वाले डेपुटेशन कर्मचारियों को हटाने की मांग पर आन्दोलन होगा
हमारे भारत में सरकारी दूरसंचार कम्पनी के कर्मचारी डेपुटेशन पर आये कर्मचारियों अधिकारीयों को हटाने की मांग को लेकर हडताल पर वाले है ....बी एस ऍन एल कर्मचारियों का कहना है के अगर इस कम्पनी का प्रबन्धन डेपुटेशन पर आये कर्मचारियों के हाथों में नहीं होता तो यह कम्पनी निरंतर घटे में होने की जगह फायदे में रहती और टू जी स्पेक्ट्रम जेसे महाघोटाले नहीं होते ..............बात सही भी है एक तरफ यह सरकारी कम्पनी है जो निरंतर घटे में है और सेवाओं में त्रुटी के दोष की अपराधी है दूसरी तरफ इनसे सस्ते दामों पर सेवायें दे रही प्राइवेट कम्पनी है जो निरंतर फायदे में है इसके पीछे जरुर कुछ राज़ तो है जिसकी बुनियाद कर्मचारियों ने समझ ली है और वोह कहते है के बाहर से दूसरी कम्पनियों के मेनेजमेंट अधिकारी बी एस ऍन एल को घुन की तरह खा रहे है ..उनका आरोप है के मैनजमेंट डेपुटेशन का जिसका कम्पनी और कर्मचारियों से कोई आत्मिक लगाव नहीं कोई जवाबदारी नहीं कोई ज़िम्मेदारी नहीं ऐसे में जब अधिकारीयों का बी एस ऍन एल से कुछ लेना ही नहीं तो फिर तो वोह मजे करेंगे और उन्हें कम्पनी डूबे या तिरे इससे उन्हें क्या लेना देना ...अब कर्मचारी सरकार और बी एस ऍन एल के घाटे के इस खेल को समझ गए है और उन्होंने साफ तोर पर कह दिया है के अधिकारी अगर बी एस ऍन एल कम्पनी में रहना चाहते है तो रहे लेकिन कम्पनी के हितेषी और जवाबदार बन कर रहें और इसके लियें उन्हें कम्पनी में समायोजित होना पढ़ेगा वरना बाहर के गेर लोग कम्पनी का प्रबन्धन सम्भालें तो यह हमे बर्दाश्त नहीं है ..बात भी सही है गेरों को इस कम्पनी का दुःख दर्द समझ में केसे आएगा और हालत यह है के जो कम्पनी दस हजार करोड़ मुनाफे में थी आज वाही कम्पनी निरंतर घाटे में जा रही है और इस घाटे का रहस्य भी यही है यह आंकड़ा दस हजार करोड़ रूपये घटे तक पहुंच गया है हाई कोर्ट ने भी देपुतेष्ण कर्मचारियों को हटाने के निर्देश दिए है लेकिन सरकार टस से मस नहीं हो रही है ...बी एस ऍन एल कर्मचारी अपनी इन मांगों के समर्थन में अब अगले हफ्ते से धरना प्रदर्शन कर हडताल करेंगे देखते है इस वाजिब लड़ाई का नतीजा क्या निकलता है और सरकार इस मामले में अपना क्या तर्क देती है .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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