नई दिल्ली. जल्द ही महिलाओं की छवि खराब करने पर कड़ी सजा के
प्रावधान होंगे। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित कानूनी प्रावधान के दायरे
में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया भी होगा। गुरुवार को प्रधामनंत्री मनमोहन सिंह की
अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में महिलाओं की छवि खराब
करने के लिए कड़ी सजा के लिए संबंधित कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी गई।
जल्द ही इस संशोधन को अब संसद में पेश किया जाएगा।
बैठक के बाद सरकारी बयान में कहा गया, 'महिला अशिष्ट रूपण [प्रतिषेध]
अधिनियम, 1986 में संशोधन से महिलाओं की आपत्तिजनक छवि पेश करने से
सम्बंधित समस्याओं का समाधान हो सकेगा और उनकी गरिमा बनाए रखी जा सकेगी।'
संशोधित कानून के तहत महिलाओं की छवि खराब करने के आरोप में पहली बार
दोषी पाए जाने पर तीन साल की कैद तथा 50,000 से एक लाख रुपये तक का
जुर्माना हो सकता है। दूसरी बार दोषी पाए जाने पर कम से कम दो साल कैद की
सजा हो सकती है, जिसे सात वर्षो तक बढ़ाया जा सकता है। यही नहीं दोषी पर एक
लाख से पांच लाख रुपये तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
कानून के तहत राज्य तथा केंद्र सरकार द्वारा अधिकार प्राप्त
अधिकारियों के अतिरिक्त केवल इंस्पेक्टर तथा इससे ऊपर के अधिकारियों को ही
तलाशी लेने व सबूत जब्त करने का अधिकार होगा।
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