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31 अक्तूबर 2012

कानून बढ़े और प्रभावशाली लोगों के लियें कानून किस नाम की चीज़ है फिर भी यह राष्ट्रिय शर्म का मामला है

यह हमारा देश है यहाँ सभी कड़े कानून होने के  विज्ञापन के  पर लोग ठगे जा रहे है लुटे जा रहे है लेकिन अब तो विज्ञापन के भ्रम की हद ही हो गयी है एक वरिष्ठ अधिकारी भी इस भ्रम की चपेट में आ गये है ..अभी हाल ही में एक चेनल पर लगातार गोरी की गुमशुदगी का विज्ञापन आ रहा था और इस विज्ञापन को इसी चेनल का एंकर प्रसारित क्र रहा था साथ में टोल फ्री नम्बर ..बीएस किसी लडकी ने खुद को गोरी बताया और पुलिस जी ने इस लडकी को बरामद कर एलान क्र दिया के हम ने गुमशुदा गोरी बरामद क्र ली है बाद में जब इन पुलिस जी को पता चला के यह तो एक भ्रामक विज्ञापन की काल्पनिक गोरी है जो टी वी सीरियल का विज्ञापन है बीएस उन्होंने माफ़ी मांग ली ....दोस्तों बात यहीं खत्म नहीं होती है यह एक गम्भीर मसला है मिडिया में पेड़ न्यूज़ के बाद इस तरह के भ्रामक विज्ञापनों को स्तर हीं और गेर कानूनी भी करार दिया है लेकिन चाहे प्रिंट मिडिया हो चाहे इलेक्ट्रोनिक मिडिया हो विज्ञापन के नाम पर लगातार अपराध कर रहा है ...विज्ञापनों के किरदारों में लोगों को ठगने के लियें गोविंदा जी है बढ़े बढ़े कलाकार है ..खिलाड़ी है ..महिलाएं है और अब तो नेताजी भी हो गए है जो ऐसी चीजों को विज्ञापित करते है जिन्हें खरीद कर लोग ठगी में आ रहे है ....चाहे बीमारी का इलाज हो चाहे सेक्स की दवाये हो चाहे योजनाओं का लाभ हो सब झूंठे और मन घडन्त होते है अख़बार मिडिया विज्ञापन के रूपये एंठते है कलाकार अपना म्हणताना लेता है और ठगा जाता है आम आदमी  आम उपभोक्ता ..वेसे तो देश में ऐसे विज्ञापनों ऐसे भ्रमों को रोकने के लियें कानून बने है ..नियम बने है प्रेस कोंसिल बनी है लेकिन सब बेकार है टी वी चेनलों ..प्रिंट मिडिया के खिलाफ कार्यवाही करने की हिम्मत कोई जूता नहीं पा रहा है और फिर देश की जनता की इस ठगी में विज्ञापन और खासकर भ्रामक विज्ञापन के नाम पर नेता ..फ़िल्मी कलाकार ..छोटे पर्दे के कलाकार अख़बार  प्रिंट मिडिया और कानून के रक्षक एक हो गए है जिनके विज्ञापनों के भ्रम में आकर लोग ठगे जा रहे है लेकिन लोगों की ठगी से किसी को लेना देना नहीं है ..अभी गोरी की गुमशुदगी के विज्ञापन के मामले में अगर पुलिस जी चाहे तो विज्ञापन के चेनल ..विज्ञापन के कलाकार के खिलाफ कठोर कार्यवाही क्र सकती है लेकिन यह तो इलेक्ट्रोनिक चेनल वाले है इनके खिलाफ क्यूँ कार्यवाही होगी भाई एक गरीब आम आदमी के लियें है कानून बढ़े और  प्रभावशाली लोगों के लियें कानून किस नाम की चीज़ है फिर भी यह राष्ट्रिय  शर्म का मामला है ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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