आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

10 अक्तूबर 2012

यह कैसा स्कूल, जहां एक ही विद्यार्थी करता है पढ़ाई



भीलवाड़ा। जिले के करेड़ा क्षेत्र के सरदार सिंह जी का खेड़ा में एक ऐसा प्राइमरी स्कूल है जहां शिक्षक तो तीन हैं, लेकिन नामांकन एक बच्चे का है। इस स्कूल में पहली कक्षा में साढ़े चार वर्षीय यशपालसिंह अकेला छात्र है। अकेला होने से डर के कारण वह भी स्कूल नहीं आ रहा है। इस स्कूल के शिक्षक नौकरी बचाने के लिए अब घर-घर घूमकर गांववालों से बच्चों को स्कूल भेजने की मनुहार कर रहे हैं।


मांडल ब्लॉक क्षेत्र के नोडल संस्था प्रधान ने मजबूरी में यहां के दो शिक्षकों को अन्य स्कूलों में लगा दिया। अब यहां एक शिक्षक कार्यरत है। गत साल इस स्कूल में 13 बच्चों का नामांकन था, परंतु शिक्षकों के समय पर नहीं आने व अव्यवस्थाएं होने से ग्रामीणों ने बच्चों को नजदीकी गांव के प्राइवेट स्कूल में प्रवेश दिला दिया। खास बात है कि एकमात्र इस बच्चे का प्रवेश भी 12 दिन पहले ही हुआ।
यहां की राजनीति से परेशान हो गया। हम तो चाहते हैं, बच्चे आए और स्कूल चले। इसके लिए एक शिक्षक को वहां लगा रखा है। वे गांव में बच्चों के लिए घूमते हैं।


ओमप्रकाश जीनगर, नोडल संस्था प्रधान
ग्रामीणों से रोजाना कहता हूं कि वे बच्चों को स्कूल भेजें। इसके लिए मैं दिनभर स्कूल में बैठा रहता हूं। एक बच्चे का नामांकन है, लेकिन वह अकेला होने से स्कूल नहीं आ रहा है।


मनोहरसिंह, कार्यरत शिक्षक, सरदार सिंह जी का खेड़ा
सरदार सिंह जी का खेड़ा स्कूल में इस तरह की समस्या सामने आई है। कारणों का पता लगा रहे हैं। स्कूल को ढंग से संचालित करने का प्रयास कर रहे हैं।
श्यामलाल शर्मा, डीईओ, प्रारंभिक
समय पर नहीं आते शिक्षक
ग्रामीण महेंद्रसिंह चुंडावत ने बताया कि गत साल मेरे दोनों बच्चों को गांव के स्कूल में प्रवेश दिलाया था। परंतु यहां के शिक्षक कभी समय पर नहीं आए। दोपहर होने के बाद शिक्षक आते और पढ़ाते नहीं थे। कई बार तो ऐसे ही छुट्टी कर देते थे। इसलिए मजबूरी में ग्रामीणों ने बच्चों को स्कूल भेजना बंद किया। अब बच्चों को भेजने की मनुहार कर रहे हैं।

प्राइवेट स्कूल में भेजना मजबूरी
शैक्षणिक सत्र शुरू होने पर यहां के शिक्षकों ने बच्चों के प्रवेश पर ध्यान नहीं दिया। इस कारण सरदार सिंह जी का खेड़ा गांव के बच्चे नजदीकी निंबाहेड़ा जाटान के एक प्राइवेट स्कूल तथा वहां के सरकारी स्कूल में पढऩे जा रहे हैं। मासूम बच्चे रोजाना करीब चार किलोमीटर पैदल स्कूल जा रहे हैं।
रोजाना घंटी बजाकर बैठ जाते हैं मस्सा
सरदार सिंह जी का खेड़ा प्राथमिक स्कूल में तीन शिक्षक हैं, इनमें से प्रतापचंद बलाई को नजदीक के ही साम ताजी का खेड़ा खेड़ा स्कूल में जबकि एक अन्य शिक्षक लादूलाल भील को चिलेश्वर में लगा रखा है। वहीं एक शिक्षक मनोहरसिंह इसी स्कूल में तैनात है। ये रोजाना सुबह 10.30 आते हैं, निर्धारित समय पर घंटी बजाते हैं और बैठ जाते हैं। इसके बाद कुछ देर गांव में घूमकर घर चले जाते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...