गहलोत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री निशुल्क दवा वितरण योजना का एक साल पूरा होने पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि निशुल्क दवा योजना प्रदेश में प्रभावी रूप से लागू हुई है। बड़ी योजना के कारण कहीं-कहीं खामियां रही हैं, लेकिन इन्हें लगातार दूर किया जा रहा है। गहलोत ने कहा कि तीन प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे इसलिए रही है कि उसका पैसा इलाज में खर्च हो जाता था।
भ्रष्टाचार के अड्डे बन गए थे एमसीआई, डीसीआई:मुख्यमंत्री ने कहा कि एमसीआई, डीसीआई, वीसीआई जैसे 'आईÓ वाले संस्थान भ्रष्टाचार के अड्डे बने हुए थे। कॉलेज खोलने के लिए करोड़ों के सौदे होते थे, यह भी किसी से छुपा नहीं। गहलोत ने कहा कि अब स्थिति बदलने की जिम्मेदारी एमसीआई की है। हमें डॉक्टर भी बेहतरीन तैयार करने पड़ेंगे जिससे सरकारी योजनाओं को बेहतर रूप से क्रियान्वित किया जा सके।
सेवारत चिकित्सकों के लिए स्टेंडर्ड ट्रीटमेंट गाइडलाइन: समारोह में मुख्यमंत्री ने सेवारत चिकित्सकों के लिए स्टेंडर्ड ट्रीटमेंट गाइडलाइन का विमोचन किया। यह सभी डॉक्टरों को मुहैया कराई जाएगी। इसमें राज्य में बहुतायत होने वाली बीमारियों, उनके इलाज के तरीकों सहित अन्य प्रकार की जानकारियां दी गई हैं। गहलोत ने दवा वितरण केंद्रों के कंप्यूटरीकरण, हैल्पलाइन सुविधा की भी शुरूआत की।
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