नई दिल्ली. अरविंद केंजरीवाल ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय
सिंह के सवालों पर पीएम, सोनिया गांधी और राहुल गांधी को सार्वजनिक तौर पर
बहस की चुनौती दी है। दिग्विजय ने केजरीवाल के एनजीओ को विदेशों से मिल रहे
फंड पर सवाल उठाते हुए कई असहज करने वाले सवाल किए हैं। दिग्विजय ने
केजरीवाल को भेजे गए पत्र के बाद शनिवार को उन्हें 27 सवालों की लंबी सूची
भेजी।
कांग्रेस महासचिव ने इसमें यह भी सवाल किया है कि केजरीवाल भाजपा
शासित राज्यों में भ्रष्टाचार का मुद्दा क्यों नहीं उठाते। उन्होंने कहा कि
जिस तरह की उम्मीद केजरीवाल दूसरों से करते हैं, उसी ईमानदारी से उन्हें
भी सवालों का जवाब देना चाहिए।
दिग्विजय के सवालों के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि सवालों के शक्ल
में कुछ आरोप लगाए हैं, जो बेबुनियाद हैं। दिग्विजय ने केजरीवाल से पूछा है
कि वे व्यक्तिगत और कारपोरेट दानदाताओं का नाम अपनी एनजीओ के किसी वेबसाइट
पर क्यों नहीं डालते?
उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह सच है कि आपके एनजीओ कबीर को फोर्ड
फाउंडेशन से 2005 में एक लाख 72 हजार अमेरिकी डॉलर और 2009 में एक लाख 97
हजार अमेरिकी डॉलर दिए गए।
क्या इस विदेशी पैसे का उपयोग सेमिनार, परामर्श, बहस, प्रोग्राम, सोशल
मीडिया कैंपेन और भ्रष्टाचार से जुड़ी प्रचार सामग्री पर खर्च में किया
गया और क्या तहरीर चौक जैसा आंदोलन दिल्ली में करने की घोषणा आपने की थी?
कांग्रेस महासचिव ने यह सवाल भी किया कि क्या केजरीवाल का संबंध
अमेरिकी एनजीओ आवाज से भी है जो लीबिया, ट्यूनीशिया, इजिप्ट और सीरिया में
सरकार विरोधी आंदोलन के लिए फंड दे रहा है। उन्होंने केजरीवाल से पूछा है
कि आवाज संस्था से और किस तरह की लॉजिस्टिक और अन्य सहायता आपने हासिल की
है। अंजली दमानिया और प्रशांत भूषण पर लगे आरोपों का हवाला देते हुए दिग्गी
ने केजरीवाल से यह भी सवाल किया कि क्या वे टीम का नेता होने के नाते अपनी
टीम के सदस्यों पर लगे आरोप की एवज में खुद इस्तीफा देने और सार्वजनिक
जीवन से संन्यास लेने को तैयार हैं? दिग्विजय ने यह भी याद दिलाया कि
केजरीवाल ने खुर्शीद से इस आधार पर पद छोडऩे को कहा था कि उनके ट्रस्ट के
कुछ कर्मचारियों ने गड़बड़ी की थी।
गौरतलब है कि दिग्विजय ने केजरीवाल को शुक्रवार को एक पत्र भी लिखा
था। इसमें उन्होंने तमाम आरोप लगाते हुए यह भी कहा था कि केजरीवाल, स्वामी
अग्रिवेश के साथ उनके पास सोनिया गांधी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय सलाहकार
परिषद (एनएसी) का सदस्य बनने की मंशा लेकर आए थे। दिग्विजय ने कहा कि यह
सिफारिश हमने कांग्रेस अध्यक्ष को भेजी भी थी,लेकिन सोनिया ने उनके बजाए
उनकी गुरु अरुणा राय को एनएसी का सदस्य बना दिया।
मोदी से क्यों नहीं पूछते सवाल
दिग्विजय ने केजरीवाल से पूछा है कि आप केंद्र सरकार में जनलोकपाल
बनाने के लिए कह रहे हैं लेकिन आप नरेंद्र मोदी से सवाल नहीं करते
जिन्होंने वर्ष 2002 से गुजरात में लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं होने दी।
आपने भाजपा शासित राज्यों में भ्रष्टाचार का मुद्दा क्यों नहीं उठाया जबकि
उन राज्यों में इस मसले पर सीएजी के अलावा राजनीतिक दलों और स्थानीय मीडिया
ने भी सवाल उठाए।
यह सवाल भी पूछे
अन्ना की ओर से लौटाए गए दो करोड़ रुपए अब कहां हैं? आपने सर्विस में
होते हुए अपने एनजीओ को विदेशी फंडिग पर सरकार से अनुमति ली? बिना अनुमति
के स्टडी लीव पर कैसे गए? आपका तबादला चंडीगढ़ के लिए हुआ, लेकिन आप नहीं
गए क्यों? आपके कोर कमेटी के एक वरिष्ठ साथी ने 20 करोड़ रुपए के फंड की
अनियमितता का आरोप लगाया फिर भी आपने जवाब क्यों नहीं दिया?
ध्यान हटाने के लिए सवाल पूछ रहे हैं दिग्विजय : आईएसी
इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने शनिवार को दावा किया कि कांग्रेस नेता
दिग्विजय सिंह की ओर से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सवाल उठाने का उद्देश्य
राकांपा सुप्रीमो शरद पवार और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ कथित
भ्रष्टाचार के आरोपों से लोगों का ध्यान हटाना है।
केजरीवाल से पूछे गए दिग्विजय के प्रश्नों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते
हुए आईएसी के मनीष सिसौदिया ने कहा कि इन प्रश्नों के उत्तर पहले ही दिया
जा चुके हैं जब इन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय ने उठाया
था। सिसौदिया ने कहा, 'उन्होंने हमारी जांच परख कर ली है और उन्हें सभी
प्रश्नों के उत्तर मिल गए हैं। लेकिन अभी भी ऐसे प्रश्न इसलिए उठाए जा रहे
हैं ताकि लोगों का ध्यान बांटा जा सके।' उन्होंने कहा, 'सभी लोग एक साथ आ
गए हैं ताकि भ्रष्टाचार पर लोगों का ध्यान नहीं जाए।'
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