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09 सितंबर 2012

कुछ करनी ऐसी कर चलो के जग सारा रॉय

दोस्तों आप है साहिबजादी शाफिकुज्ज्मानी  उर्फ़ संजोबी ..जी हाँ इनका जन्म टोंक के नवाब परिवार में हुआ और नवाब परिवार के ही साहिबजादे मोहम्मद उमर   से इनका निकाह हुआ ...इनके बढ़े साहिबजादे जनाब मोहम्मद आहमद उर्फ़ भय्यु भाई इन दिनों टोंक जिला वक्फ कमेटी के सदर है ....कहते है जब तक था दम में दम ..आसमा से भी ना दबे हम ..जब दम निकल गया तो जमीन ने दबा दिया ..कहावत यह भी है के यह जमी खा गयी  आसमा केसे केसे ......लेकिन जनाब मोत बरहक है ..हर इंसान को मोत का मज़ा चखना है ..कुरान का आदेश है कुल्लो न्फुस्ल जाय्क़तुल मोत ............ऐसा ही हमारी सास साहिबजादी शाफिकुज्ज्मानी उर्फ़ संजो बी के साथ हुआ ..अलीगंज टोंक की शहजादी के रूप में मशहूर इन जनाबा को इस्लाम की जानकारी के मामले में चलता फिरता एन्सैक्लोपेदिया माना जाता था और इस्लाम के मसले मसाइल ..तारीखी मसले मसाइलों के सुल्झावाड़े के लियें इनकी शोहरत थी लेकिन कुछ दिनों पहले इनके गुर्दे में तकलीफ हुई और फिर इनकी तबियत बिगडती चली गयी ......अभी कल शनीवार आठ सितम्बर को दोपहर अचानक इनका इन्तिकाल हो गया और इनके इंतकाल से पुरे टोंक में शोक की लहर दोड  गयी ..आप किसी की बाजी ..किसी की अम्मी जान ...किसी की आपा जान थीं और सभी में इनकी अपनी साख थी ....इनकी अपनी वसीयत के मुताबिक पहले से मुक़र्रर जगह और मगरिब से पहले उजाले में ही इन्हें सुपुर्दे ख़ाक किया गया .............संजो बी के लियें बिलखते लोग कहते रहे कुछ करनी ऐसी कर चलो के जग सारा रॉय .............खुदा संजोबी की रूह को सुकून दे मगफिरत दे और इनके चाहने वालों ..इनके बच्चों ...शोहर ...पोतों नवासों और पारिवारिक लोगों को इस तकलीफ के लम्हों से लड़ने की ताकत और सब्र दे ..यह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गयी है ......................

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