मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई की अनुमति देने, डीजल की कीमत में पांच रुपये प्रति लीटर की बढोतरी और सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की संख्या सीमित करने के फैसलों को लेकर देश भर में बवाल मचा है। अब एक अक्टूबर से रेल टिकट भी महंगा होने जा रहा है और एलपीजी सिलेंडर के नए कनेक्शन पर अघोषित रोक लग गई है।
सरकार अपना घाटा कम करने के नाम पर जनता को इन तमाम परेशानियों के बोझ से लाद रही है, लेकिन केंद्र और तमाम राज्य सरकारें जनता का पैसा मुफ्त का चंदन, घिस मेरे रघुनंदन या फिर माल-ए-मुफ्त, दिल-ए-बेरहम की तर्ज पर लुटा रही हैं। केंद्र सरकार ने पिछले दिनों सभी मंत्रालयों को फिजूलखर्ची से बचने और कोई कार्यक्रम पांच सितारा होटल में नहीं करने की हिदायत दी थी। लेकिन यह दिखावा साबित हो रहा है। सरकार की शाहखर्ची कम नहीं हुई है।
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