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16 सितंबर 2012

अब नई बीमारी का हमला, स्वाइन फ्लू के लक्षण लेकिन दवाएं बेअसर




जयपुर.सवाई मानसिंह अस्पताल में दो सप्ताह से ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनके लक्षण स्वाइन फ्लू के समान हैं, लेकिन हर तरह की जांच रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। इस मर्ज पर दवाएं भी बेअसर हैं। इस बीमारी के दो सप्ताह से रोजाना 10 से 15 मरीज आ रहे हैं तथा पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में इसके लक्षण अधिक देखने को मिल रहे हैं। इसमें अधिकतर डबल निमोनिया हो रहा है और इसके इलाज के बावजूद मरीजों को किसी तरह का कोई फायदा नहीं हो रहा। हाल ही चंडीगढ़ में भी ऐसी बीमारी फैली थी, जिसे चंडीगढ़ वायरस का नाम दिया गया था।
डॉक्टरों के अनुसार अस्पताल में मरीज सर्दी, जुकाम, खांसी एवं बुखार को लेकर भर्ती होता है, लेकिन धीरे-धीरे मल्टी ऑर्गन फेल्योर होकर दोनों फेफड़े, हार्ट काम करना बंद कर देते हैं। इसके बाद मरीज कोमा में चला जाता है और उसकी मौत भी हो सकती है।
ऐसे फेलती है बीमारी
डॉ. सहगल के अनुसार छींकते, खांसते समय एवं हाथ मिलाने पर स्वस्थ व्यक्ति का मरीज से संपर्क होने पर वह उसका शिकार हो जाता है। मरीज के इम्यून रेस्पोरेंस कम होने पर कोशिकाएं व अंग काम करना बंद कर देते हैं। बीमारी का अंदेशा होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर सलाह लेनी चाहिए।
> वायरस के म्यूटेशन से ही ऐसा संभव
गर्मी जा रही है, सर्दी आने वाली है। ऐसे मौसम में वायरस के म्यूटेशन (दो वायरस मिलकर तीसरा वायरस बनाते हैं) की ज्यादा संभावना रहती है। वर्तमान में 8क् से ज्यादा वायरस ऐसे हैं जो एक जैसे सिम्टम देते हैं। किसी भी लैब में उन्हीं वायरस का पता लगाया जा सकता है, जिसका किट वहां उपलब्ध हो। जिस तरह से फीवर के साथ निमोनिया के केस हैं, उससे यही लगता है कि कोई साधारण वायरस ही म्यूटेट हो गया है। इससे नया स्ट्रेन होगा और जब तक उसका किट नहीं आ जाता, स्थानीय स्तर पर उसकी जांच संभव नहीं है।
साजिद हुसैन, वायरोलॉजिस्ट
रिसर्च जारी है
इन दिनों बुखार, निमोनिया के ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनके एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल ड्रग्स का असर नहीं हो रहा। स्वाइन फ्लू की जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आ रही है। मेडिसिन विभाग में ऐसे मरीजों पर रिसर्च का काम शुरू कर दिया।
डॉ. रेणु सहगल, अध्यक्ष, मेडिसिन विभाग, सवाई मानसिंह अस्पताल
सैंपल एनसीडीसी भेजे जाएंगे
'कुछ दिनों से अस्पताल में बुखार के ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनमें हर तरह की जांच रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। सैंपल नई दिल्ली में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) भेजे जाएंगे तथा विशेषज्ञों से भी राय ली जा रही है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बांगड़ परिसर में पाइरेक्सिया वार्ड खोला है।'
डॉ. वीरेंद्र सिंह, अधीक्षक, सवाई मानसिंह अस्पताल

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