आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

17 सितंबर 2012

सामूहिक विवाह सम्मेलन में वी आई पी लोगों की धूम क्या फ़िज़ूल खर्ची में आता है

दोस्तों मेरे इस देश में हालातों के साथ साथ लोगों के रोज़ विचार बदलते है ..आज जो ठीक है कल वोह बुरा होता है और कल जो बुरा था वोह आज अच्छा हो जाता है उलट फेर के इस सच को ही पत्रकारिता और निष्पक्ष निर्भीक लेखन स्वतन्त्रता कहते है में भी इसी समाज का आदमी हूँ चिन्तक हूँ विचारक हूँ में इस विचार धरा से प्रभावित हुए बगेर केसे रह सकता हूँ ................जी हाँ दोस्तों कोटा में कल दो सो बाईस  जोड़ों यानी चार सो च्व्वालिस परिवारों को अंसारी समाज ने एक ही टेंट के निचे खड़ा कर निकाह बंधन में बाँधा और दहेज़ ..फिजूलखर्ची की कुरीतियों को धिक्कारा ..लेकिन दोस्तों एक तरफ तो यह सच है के समाज इस तरह के कार्यक्रमों से देश को एक नई दिशा दे रहे है लेकिन ऐसे  में सियासत अगर हो तो फिर टिप्पणियां तो होना ही है ....आज कोटा में चर्चा थी के एक तरफ तो आयोजक इसे समाज का कार्यक्रम कहते है दूसरी तरफ पांडाल में दूल्हा दुल्हनों इ ज्यादा कथित सियासी लोगों के साथ  आओ सियासत सियासत खेले का खेल होता है कोंग्रेस भाजपा के लोगों को बुलाया जाता है मंच  जाता है वोह तो दूल्हा दुल्हन को उपहार देते नहीं उलटे समाज उनका साफा पहना  कर शोल उढ़ा  कर सम्मान  करता है उन्हें प्रतीक चिन्ह देता है और फिर लम्बा चोडा  भाषण पेल कर चल देता है ..समाज के लोग आपस में लड़ते है इसको क्यूँ बुलाया उसको क्यूँ नहीं बुलाया ...मंच पर अफरा तफरीह का माहोल रहता है मंच कई  बार टूटते और गिरते गिरते बचता है .....समाज को तो इन नेताओं से कुछ नहीं मिलता लेकिन हाँ समाज के ठेकेदारों की इसके बाद सियासी पूंछ जरुर बढ़ जाती है .....रूपये बचाने के ऐसे सम्मेलनों के बाद अनेक लोग लाखों रूपये खर्च कर समाज की दिशा के विपरीत बडा खाना जरुर करते है फिर ऐसे दिखावे ऐसे सम्मेलनों की क्या जरूरत है ..सम्मेलनों में चिन्तक  .समाज सुधारक ..धर्मगुरुओं की गिनती कम और सियासी लोगों की संख्या ज्यादा होती है ..अभी कोटा के सम्मेलन में अंसारी समाज के दूल्हा दुल्हन तक शान्तिकुमार धारीवाल को अगर छोड़ दिया जाए तो बाक़ी किसी भी महमान ने किसी पांडाल में हालात भी जाकर नहीं देखे धारीवाल जी ने अलबत्ता पंडालों में जाकर दूल्हा दुल्हन के परिजनों के हाल चाल  जाने उन्हें आशीर्वाद दिया जिससे वोह गदगद भी हुए .....अल कोटा में राजस्थान ..उत्तर प्रदेश ..बिहार  और केंद्र स्तर के दो दर्जन स भी अधिक सुपर स्टार यानि मंत्री दर्जा वाल वी आई पी लोग थे ...आयोगों के अध्यक्ष मंत्री ..संसद ..विधायक ..केबीनेट मंत्री ..राज्य मंत्री सभी तो थे ..कोटा का प्रशासन हतप्रभ था भोचक्का था वोह इतने सारे मंत्री स्तर के वी आई पी  आ जाने से उनके ठहरने उनके खाने पीने का इन्तिजाम कर पाने में खुद को अक्षम समझ रहे थे ..प्रशासन के पास न अतो रहने के लियें कमरे ..न इन को लाने ले जाने के लियें गाड़ियाँ ...प्रोटोकोल के लियें अधिकारी नहीं ..एस्कोर्ट पुलिस नहीं ..सलामी के लियें जवान नहीं ..एक गाड़ी का तो यह हाल था के एक महिला वी आई पि के लियें जो गाड़ी आई उसमे चूहे ने सभी को डांस करवा दिया बढ़ी मुश्किलों में चूहे जी गाड़ी से बाहर  निकले ..एक सवाल जो चीखता है वोह यह है के क्या देश के दूरदराज़ इलाकों से आने वाले इन नेताओं से समाज या सम्मेलन को कोई फायदा है देश की सरकार के आने जाने ..खाने पीने और ठहरने के आलावा भत्तों पर खर्च यह लाखों करोड़ों रूपये किसके खाते से खर्च होंगे एक आम इंसान एक गरीब इन्सान के खाते से ही तो यह रुपया जाएगा ..तो जनाब ऐसे विवाह स्म्मेलानों के मामले में एक पक्ष यह भी आज उठा था ज्सिका ज़िक्र भी आप लोगों से करना जरूरी था चिंतन और मंथन अब आपको करना है क्या सवाल हो क्या जवाब क्या दिया जाये आपको बताना है .........................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...