सूत्रों के मुताबिक ये पायलट एयरफोर्स के विशेष विमान से जनरल लियांग को मुंबई से नई दिल्ली लाए थे। चीनी रक्षा मंत्री ने इन पायलटों को गिफ्ट वाले दो लिफाफे दिए। जब ये लिफाफे खोले गए तो इनमें एक लाख रुपये नकद थे।
विमान के कैप्टन ने एयरफोर्स हेडक्वार्टर को इस बारे में सूचित किया। इसके बाद फैसला किया गया कि इस राशि को तोशाखाना (सरकारी खजाने) में जमा किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि चूंकि यह मसला बेहद संवेदनशील है, इसलिए यह रकम चीनी रक्षा मंत्री को लौटाई नहीं जा सकती है।
एयरफोर्स के अधिकारियों का कहना है कि जब कोई इंडियन डिग्निटेरी इस एयरक्राफ्ट पर विदेश की सैर करते हैं तो विमान के चालक दल को मोमेंटो के तौर पर टाई और अन्य छोटे गिफ्ट भेंट करते हैं।
चीन के किसी मंत्री द्वारा प्रोटोकॉल तोड़े जाने की यह पहली घटना नहीं है। 1991 में चीन के तत्कालीन प्रधानमंत्री ली पेंग ने भारतीय खुफिया ब्यूरो के एक अधिकारी को एक लिफाफा दिया था जिसमें 500 रुपये निकले। यह अधिकारी चीनी प्रधानमंत्री का लाइजन ऑफिसर था। हालांकि उस वक्त इस राशि को तत्काल ही चीनी दूतावास को लौटा दिया गया था।
पांच दिनों के भारत दौरे पर आए जनरल गुआंग रविवार को मुंबई पहुंचे थे। रक्षा मंत्रालय ने चीनी रक्षा मंत्री को देश में घूमने के लिए यह विशेष विमान मुहैया कराया था। चीनी रक्षा मंत्री ने ए के एंटनी का इस आवभगत के लिए शुक्रिया अदा किया।
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