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16 अगस्त 2012

बाबा रामदेव अगर त्याग भाव रख कर मुनाफा त्याग दें ..देश की सेवा करें मजदूरों को पूरी मजदूरी दें तो देश की तस्वीर ही बदल जायेगी

दोस्तों आपको एक राज़ की बात बताते है ..देशभक्त बाबा रामदेव जिन्हें देश की जनता की चिंता है जो कोंग्रेस को भ्रष्ट कहकर हटाने का नारा दे चुके है अगर वोह खुद चाहे तो देश की तस्वीर तो नहीं लेकिन करीब एक करोड़ भारतियों को फायदा पहुंचा सकते हैं लेकिन इसके लियें उन्हें खुद त्याग करना होगा अपने मुनाफे अपने लालच अपनी कालाबाजारी उनके द्वारा किये जा रहे शोषण का ..जी हां दोस्तों जेसा की आप जानते है कमसे कम एक करोड़ लोग ऐसे है जो देश में दवा उपभोक्ता के नाम पर बाबा रामदेव से जुड़े है और जो लोग बाबा रामदेव की दवा ले रहे है वोह लोग गरीब भी .पीड़ित भी है और बीमार भी है ऐसे में वोह तो दया के पात्र है लेकिन दोस्तों अफसोसनाक बात यह है के जिस दवा को निर्माण करने में बाबा रामदेव को दस रूपये खर्च करना पढ़ते है वोह दवा उस बीमार को सो रूपये से भी ज्यादा की कीमत पर बेचीं जाती है तो दोस्तों इस तरह से करोड़ों करोड़ रूपये बाबा उनके भक्तो से जो राष्ट्रभक्त भी है जो गरीब भी है जरुरतमंद भी है कमा रहे है ..अगर बाबा रामदेव इन सभी दवा खरीदने वालों को दवा निर्माण करने में जो कीमत आती है उसपर केवल दो रूपये पांच रूपये का मुनाफा लेकर बेचना शुरू कर दे तो यकीन मानिये देश में कमसे कम एक करोड़ लोगों की तो बल्ले बल्ले हो जाए उन्हें प्रति माह दो तीन सो रूपये की बचत हो सकती है और देश के इन एक करोड़ लोगों को करीब तीस करोड़ प्रति माह का फायदा बाबा रामदेव दे सकते है ...दोस्तों बाबा रामदेव के यह करीब दस लाख कर्मचारी प्रत्यक्ष और अर्प्त्यक्ष रूप से काम करते है अगर उनको बाबा रामदेव स्थाई कर दे .अगर उन कर्मचारियों को बाबा रामदेव निर्धरितं मापदंडों के अनुरूप न्यूनतम मजदूरी और दूसरी सुविधाए ई एस आई ..पी एफ वगेरा की सुविधा दे दें तो देश के दस लाख परिवार खुशहाली में रह सकते है ..इसी तरह से बाबा रामदेव अगर उनके कमाए हुए धन से अनाथालय खोले ....भोजनालय खोलें ...गरीब लोगों के लियें मुफ्त शिक्षा के स्कूल कोलेज खोले तो यकीन मानिए देश की तस्वीर भी बदल सकती है और लोग बाबा रामदेव को पूजने लगेंगे लेकिन क्या बाबा रामदेव देश के लोगों के लियें खुद का मुनाफा त्याग कर सेवा भाव जाग्रत कर जनहित में ऐसा कर सकेंगे या फिर जनता को ग्राहक समझ कर अपना ब्रांड महंगे दामो पर बेच कर यूँ ही अपना धन साम्राज्य बढाते रहेंगे ..क्या वोह मजदूरों और कर्मचारियों का शोषण बंद कर न्यूनतम मजदूरी और दूसरी सुविधाएँ उनेह देकर उनेक परिवारों को आबाद करेंगे किया वोह देश भक्त बनकर गरीबों के लियें सेवाश्रम ..अनाथालय ..भोजनालय...स्कूल ..कोलेज..मुफ्त चिकित्सालय खोलेंगे क्या वोह एक पूंजीपति उद्योगपति मुनाफाखोर से अलग हट कर देश और देश के गरीब लोगों के लियें सोच कर त्याग का भाव रख कर खुद को संत साबित कर सकेंगे अगर ऐसा करें तो उनका स्वागत है पुरे देश की तस्वीर तो नहीं लेकिन कमसे कम एक करोड़ से अधिक लोग तो उनसे आजीवन फायदा उठा सकते है और देश को काफी फायदा भी हो सकता है तो बाबा अगर यह सब करें तो उनकी जय वरना उनके दिल में उनके दिमाग में और उनकी जुबान में क्या है इस सच को समझे और उजागर करें भाई ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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