आपका-अख्तर खान

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11 अगस्त 2012

तिरंगा ऊँचा रहे सदा हमारा ..और इंशाल्लाह हमारा तिरंगा सदा ऊँचा ही रहेगा लेकिन इसके लियें हमे थोडा खुद को बदलना होगा संयमित करना होगा

तिरंगा ऊँचा रहे सदा हमारा ..और इंशाल्लाह हमारा तिरंगा सदा ऊँचा ही रहेगा लेकिन इसके लियें हमे थोडा खुद को बदलना होगा संयमित करना होगा ............कल मेरे एक मित्र जिनका निजी स्कूल है उन्होंने मुझस से उनके स्कूल में स्वतन्त्रता दिवस का झंडा फहराने के लियें किसी वी आई पी के बारे में जानना चाहा ......मेने अपने अंदाज़ में इन जनाब को दो टुक शब्दों में कहा के भाई यह तिरंगा है हमारी और हमारे देश की आन , बान ,शान है .....क्यों किसी बेईमान ..कामचोर ..भ्रष्ट व्यक्ति से इस तिरंगे का अपमान करवाते हो ..मेरा सुझाव था के अगर इस तिरंगे का सम्मान ही रखना है तो भाई देश में और तो कोई मिलना असम्भव सा लगता है इसलियें किसी मासूम बच्चे से ही इस तिरंगे की शान के मुताबिक तिरंगा फहरवाया जाकर इस तिरंगे को अपमानित होने से बचाया जाए सही भी है आप देखिये निजी स्कूलों प्रतिष्ठानों ..विधानसभा ..संसद या कहीं भी कोई बेदाग़ व्यक्ति नहीं हो जो तिरंगा फहराने का काम करता हो ...................खेर मेरे इस मित्र ने मेरी बात नहीं मानी हाँ हाल ही में टेक्स चोरी ..और मिलावट के मामले में गिरफ्तार होकर जमानत पर छूटे एक सफेद पोश व्यापारी को इन जनाब ने अपने स्कूल में तिरंगा फहराने के लिए चुना है ..खेर कोई बात नहीं अपनी अपनी समझ की बात है लेकिन में सोचने लगा मेने देखा के पिछले दस सालों में तिरंगे के प्रति लोगों का उत्साह तो बढ़ा है लेकिन उसके सम्मान में कमी आई है ..उसकी मर्यादाएं भंग की जाने लगी है ..स्वतन्त्रता दिवस के दिन स्कूलों में बच्चों के हाथों में छोटे छोटे एक एक रूपये वाले तिरंगे प्लास्टिक के होते है ..बच्चों के यह तिरंगे हाथ में तो होते है लेकिन उन्हें इसका मोल ..इसका इतिहास .इसके मान सम्मान के बारे में नहीं बताया जाता है नतीजा यह होता है के वोह इसे खेल की चीज़ समझते है और थोडा खेलते है फिर कचरे में डाल देते है ..अआप देखिये सोला अगस्त की सुबह और पन्द्रह अगस्त की शाम को इसी तिरंगे को लोग कचरा समझ कर सडकों पर फेंक देते है जबकि गीता ..रामायण ..और कुरान की आयतों की तरह इन तिरंगों को सहजने की सीख़ अगर हम बच्चों को दें तो वोह इसका मान सम्मान कर सकेंगे और फिर तिरंगे कचरों में मिलना बंद हो सकेंगे ..इतना ही नहीं दोस्तों किसी भी लाइसेंस के लिए हमे अपने करेक्टर ..और अपराधिक रिकोर्ड की जाँच के कड़े दोर से गुज़ारना पढ़ता है लेकिन तिरंगा फहराने का हक हम जिसे देते है वोह व्यक्ति भ्रष्टाचारी भी होता है ..अनाचारी भी होता है ...अपराधी भी होता है ..बलात्कारी भी होता है और अपने नापाक हाथों से तिरंगा फी फहराता है और सलामी भी देता है क्या ये सब जायज़ है क्या इसके लिये कोई कायदा कोई नियम नहीं बनना चाहिए किया तिरंगे के मान सम्मान के मामले में जो फ्लेग कोड बना है उसमे संशोधन नहीं होना चाहिए ..क्या तिरंगे के मान सम्मान के बारे में बच्चों की प्राइमरी की किताबों में अलग से सीख़ देने वाले लेख कोर्स में नहीं होना चाहिए ..अगर हाँ तो फिर जनाब आज से ..आज से ही क्यूँ अभी से ही इस मामले में आप सभी मुहीम शुरू करे ..अख़बारों में लेख लिखे ..टी वी में प्रचारित करे ..इंटरनेट ..फेसबुक पर रचार करें और हो सके तो अपने अपने इलाकों में कोई घोषित अपराधी तिरंगे को सार्वजनिक स्थान पर फहराने की बात करे तो उसे अदब से रोकें निजी स्कूलों में जाकर कहें के बच्चों से जो तिरंगे मंगवाए जाते है वोह हिफाज़त से इकट्ठे करवाकर तहजीब से नष्ट करने गलियों के कूड़े कचरे में न फिक्वायें .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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