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13 अगस्त 2012

कोग्रेस लोकतंत्र के ब्लेकमेलर बाबा और अन्ना के आगे नहीं झुकी ..दम है तो अपने समर्थित विपक्ष और सांसदों से इस्तीफा दिलवाएं

दोस्तों विश्व के सबसे बढ़े लोकतंत्र को ब्लेकमेल कर मनमानी कार्यवाही की मांग करने वाले बाबा रामदेव और अन्ना जी की अब बोलती बंद है कोंग्रेस ने इन ब्लेक्मेलरों के आगे झुकने से इंकार कर खुद को फिर एक बार मजबूत और लोकतंत्र की रक्षक साबित कर दिया है ....सभी जानते है डरा धमका कर भीड़ को उकसाकर इन लोगों ने किस दल के साथ मिलकर कोंग्रेस को ब्लेकमेल करने का प्रयास किया यह लोग कोंग्रेस को ही नहीं देश के लोकतंत्र को बिखेर देना चाहते थे लेकिन बेचारे टांय टांय फीस हो गए है ..हमने और आपने इस देश में वी पी सिंह के पीछे भीड़ भी देखी है फिर भीड़ को वी पी सिंह को गालियाँ बकते हुए देखा है ..हमने कल्याण सिंह और अडवानी को पूजते हुए देखा है लेकिन अब क्या हाल है सब जानते है ......अन्ना जी और बाबा रामदेव जी पहले एक थे फिर अलग अलग हुए फिर एक हो गए दिशाएं अलग अलग फिर भी टार्गेट कोई उद्देश्य नहीं केवल कोंग्रेस ....बाबा रामदेव कहते है सारा विपक्ष उनके साथ है गडकरी जो उनसे उम्र में काफी बढ़े है उनसे पैर पकडवा कर बाबा रामदेव गद गद नज़र आते है उनके मंच पर आते है ..वोह कहते है दो सो पैतालीस सांसद उनके साथ है मुलायम और मायावती उनके साथ है शरद उनके साथ है लेकिन गाली केवल और केवल कोंग्रेस को दी जाती है सभी जानते है देश में कोंग्रेस की नहीं यु पी ऐ की सरकार है और इसमें शरद वगेरा बराबर के हिस्सेदार है अप्रत्यक्ष रूप से खुद मुलायम माया भी कोंग्रेस के साथ है ..देश के लोकतंत्र के बारे में पता है के विपक्ष बगेर संसद अधूरी है मुद्दा अगर काले धन का है ..मुद्दा अगर भ्रष्टाचार का है और सभी लोग बाबा रामदेव या अन्ना से सहमत है तो कोंग्रेस यु पी ऐ सरकार से यह लोग समर्थन वापस क्यूँ नहीं ले लेते क्यूँ सत्ता के मजे चूस रहे है ..इतना ही नहीं विपक्ष में बेठे लोग अगर ऐसे इमानदार है और उन्हें देश के लोकतंत्र की ऐसी चिंता है ..अगर वोह भ्रष्टाचार के खिलाफ है या फिर कला धन इमानदारी से देश में लाना चाहते है तो सामूहिक इस्तीफा देकर लोकसभा के चुनाव दुबारा क्यूँ नहीं कराते चीत भी मेरी पट भी मेरी अनटा मेरी जेब में ......पहला अन्ना ने जनता को गुमराह किया अब बाबा रामदेव ने जनता को गुमराह किया खुद में तो आमरण अनशन कर देश के लियें कुर्बान होने का जज्बा नहीं है कभी ओरतों के कपड़े फन कर भागते है कभी अनशन में फंस जाने सम्मानजनक तरीके से अनशन तुडवाने के लियें गिडगिडाते है ...देश के लियें केवल एक दिन दो दिन का अनशन और खुद को राष्ट्रभक्त बताते है फिर आन्दोलन करेंगे आन्दोलन जारी रहेगा आखिर यह नोटंकी यह तमाशा जनता कब तक सहे ..देश जानता है बाबा का और अन्ना का सच ..कोंग्रेस के सामने इनकी खीज बार बार कोंग्रेस को गाली ब्क्वाती है लेकिन बाबा हो चाहे अन्ना हो उनके सियासी रूप गिरगिट की तरह से बदल कर सामने आ रहे है ..दोस्तों बाबा रामदेव कहते है के देश और विपक्ष उनके साथ है तो वोह विप्क्स से अपील करके दिखाए के काला धन वापस लाने और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सभी विक्षि संसद और मुलायम माया शरद संसद से इस्तीफा दें ताकि सरकार को फिर से चुनाव कराना मजबूरी हो जाये फिर यह चुनाव जीत कर आ जाएँ लेकिन बाबा जानते है के वोह एक मात्र प्यादे है विप्क्स ऐसे न जाने कितने बाबा जी को साधुओं को लाया है लेकिन कोग्न्रेस अपनी जगह अडीग है अडीग थी और अडीग रहेगी वोह बात अलग है के कोंग्रेस में भी सांझा सरकार के चलते चोर और बेईमान घुसे है जो लोग दल बदल कर कोंग्रेस में गए है वोह भी चोर बेईमान है लेकिन क्या करें जो लोग कोंग्रेस गालियाँ बकते है वही लोग कोंग्रेस के तलवे चाटते दिखते है क्योंकि कोंग्रेस ही ऐसी पार्टी है जिसने देश को गणतन्त्र दिया ..देश को आज़ादी डी ..देश को स्वतन्त्रता दिवस दिया .देश को तिरंगा दिया ..देश को राष्ट्रगान दिया ...सम्मान दिया ....और यह पब्लिक है बाबा को भी जानती है अन्ना को भी जानती है और कोंग्रेस को भी जानती है ..........इसलियें नोटंकी बाजों के बीच इस देश का वक्त रुपया बर्बाद मत होने दो भाई हो सके तो पहले मन्दिर के नाम पर इकठ्ठा किया धन का हिसाब मांगों ..बाबा और अन्ना के आन्दोलन के लियें खर्च कहाँ से आया कितना खर्च हुआ और उसका हिसाब किया है यह सब जनता को जान्ने का हक है के काले धन वापसी और भ्रष्टाचार खत्म करने के नाम पर कितनी च्न्देबाज़ी हुई है और किस मद में कितना खर्च हुआ है देश के कानूनों का इस च्न्देबाज़ी के आमद खर्च में ध्यान भी रखा गया है या नहीं ........तो बाबा जी अन्ना जी क्या हिसाब बताओगे क्या आपके लाडले विपक्ष और कथित दलों के सांसदों से इस्तीफा दिलवाकर नये चुनाव करवाओगे नहीं न तो फिर मिया मुंगेरी लाल के हसीन सपने देखना छोड़ दो भाई वापस अपने दवा लूट व्यापर में चले जाओ ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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