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15 अगस्त 2012

1999 में शहीद हुआ था दशरथ, लेकिन प्रतिदिन साफ़ होते हैं उसके जूते!




खिरोड़. नवलगढ़ तहसील के बसावा के शहीद दशरथ कुमार यादव की आखिरी निशानियों को परिवार ने संभाल कर रखा है। शहीद के जूते साफ करना वीरांगना दुर्गादेवी की दिनचर्या का हिस्सा है।

दुर्गादेवी कहती हैं, जब भी उनकी याद आती है तो ये निशानियां परिवार को भावुक कर देती हैं। साथ ही गर्व का अहसास दिलाती हैं।

दशरथ कुमार 6 जुलाई 1999 को शहीद हुए थे। दुर्गा देवी, पुत्र सुरेंद्र यादव, माता गुलाबी देवी, भाई कैलाश चंद्र यादव एवं बहनें सरोज व सुमन की आंखें दशरथ की याद में भर आती हैं।

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