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22 जुलाई 2012

दर्द से कराहती रही प्रसूता, आंखों से बह रहे थे आंसू लेकिन डॉक्टरों का दिल ना पिघला


उदयपुर. प्रसूताओं को जननी सुरक्षा योजना में घर से अस्पताल और प्रसव के बाद पुन: अस्पताल से घर जाने के लिए वाहन की नि:शुल्क सुविधा मुहैया नहीं हो पा रही है। कोटड़ा अस्पताल में क्षेत्र की एक प्रसूता को अन्य अस्पताल में रेफर करने के बाद डेढ़ घंटे तक एंबुलेंस की सुविधा मुहैया नहीं हो पाई। बाद में परिजन अपने स्तर पर जीप किराए पर लेकर प्रसूता को अस्पताल ले गए।

नयावास निवासी सीता पत्नी मीरा खेर को प्रसव के लिए शनिवार को कोटड़ा सीएचसी लाया गया था। जहां से रविवार को उसकी हालत गंभीर बताते हुए रेफर कर दिया गया। परिजनों ने जननी सुरक्षा योजना के तहत सरकारी स्तर पर गाड़ी मुहैया करवाने की मांग की। लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और प्रसूता डेढ़ घंटे तक दर्द से कराहती रही। प्रसव पीड़ा के कारण उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।

बाद में उपखंड अधिकारी मोहनलाल वर्मा को घटनाक्रम से अवगत करवाया गया। एसडीएम की ओर से कोई व्यवस्था होती, इससे पहले ही परिजन अपने स्तर पर जीप किराए पर उसे गुजरात ले गए। इसके बाद उपखंड अधिकारी वर्मा ने अस्पताल के चिकित्सकों से जानकारी भी प्राप्त की। डॉक्टरों का कहना था कि उसका बच्चा उल्टा हो गया था, इस कारण उसे रेफर किया गया, परिजन उसे गुजरात ले जाना चाह रहे थे, इस कारण उसे एंबुलेंस मुहैया नहीं करवाई जा सकी।

सूचना ली गई थी

मामले की सूचना मिलते ही मैंने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जानकारी ली थी। चिकित्सकों का कहना था कि उसका बच्चा उल्टा हो गया था। वे गुजरात जाना चाहते थे, इस कारण उन्हें एंबुलेंस मुहैया नहीं करवाई जा सकी।

मोहन लाल वर्मा, उपखंड अधिकारी कोटड़ा

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