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01 जुलाई 2012

अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष से भिड़े जमाते इस्लामी के सचिव

जयपुर.अल्पसंख्यकों और दलितों पर हुए अत्याचारों को लेकर सद्भावना मंच राजस्थान की ओर से रविवार को रखी गई जनसुनवाई में अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष माहिर आजाद और जमाते इस्लामी हिंद के सचिव इंजीनियर सलीम भिड़ गए। विवाद की शुरुआत आजाद की टिप्पणी से हुई। इस टिप्पणी पर काफी देर तक दोनों में वाक्युद्ध चलता रहा।


आजाद ने गोपालगढ़ मामले में पीड़ित पांच लोगों को जेल में रखे जाने के मुद्दे पर कहा कि जिन पीड़ितों को झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल में रखा, उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से जेल में रखा गया। आजाद के इतना कहते ही सलीम भड़क गए।

सलीम ने कहा कि आप कैसे अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हैं। यदि लोगों को जेल में डालकर ही सुरक्षा दी जा सकती है तो देश के सारे मुसलमानों को जेल में डाल दो। सरकार न्याय देते समय वोटों का हिसाब लगाती है और पीड़ित के साथ न्याय करने की बजाय अधिक वोटों वालों का पक्ष लेती है। सरकार यह नहीं भूले कि जब जनता का समय आएगा तो वह हिसाब चुकता करने में देर नहीं लगाएगी।

सांप्रदायिक घटनाओं के पीड़ितों ने बयां किया दर्द

जनसुनवाई में सांप्रदायिक घटनाओं से पीड़ित अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों और दलितों ने आपबीती सुनाई। गोपालगढ़ के मौलाना अब्दुल रशीद और डॉ. खुर्शीद ने बताया कि 13 सितंबर, 2011 को अचानक ही कुछ लोगों ने अब्दुल गनी की मोबाइल की दुकान पर हमला कर लूटपाट व तोड़फोड़ की। अब्दुल गनी से मारपीट और लूट की गई और गोपालगढ़ मामले में उन्हीं को झूठे केस में फंसा कर जेल में डाल दिया गया।

जनसुनवाई में गोपालगढ़ के अलावा, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, गंगानगर, सज्जनगढ़, जयपुर और दौसा से मुस्लिम, इसाई और दलित समुदाय के पीड़ित लोगों ने आपबीती सुनाई। जनसुनवाई के पैनल में जस्टिस शिव कुमार शर्मा, महाधिवक्ता जीएस बापना, वरिष्ठ पत्रकार नीलाभ मिश्र और माहिर आजाद शामिल थे।

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