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30 जुलाई 2012

क्तुब मीनार से भी बढ़ी मीनार




रायपुर. छत्तीसगढ़ के महान समाज सुधारक और सतनाम पंथ के प्रवर्तक बाबा गुरू घासीदास की जन्म भूमि और तपोभूमि गिरौदपुरी में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के अनुरूप कुतुबमीनार से भी लगभग पांच मीटर ऊंचे जैतखाम का निर्माण तेजी से पूर्णता की ओर है।
लगभग 52 करोड़ रूपए की लागत से बन रहे इस जैतखाम की ऊंचाई 77 मीटर रखी गई है। लोक निर्माण विभाग द्वारा इसके निर्माण में पिछले वित्तीय वर्ष 2011-12 में दिसम्बर 2011 तक 39 करोड़ 25 लाख रूपए खर्च किए जा चुके हैं। गिरौदपुरी धाम में 77 मीटर ऊंचा जैतखाम 51.43 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा है।
इस विशाल जैतखाम की असाधारण ऊंचाई को ध्यान में रखते हुए उसकी डिजाइन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) रूड़की के तकनीकी विशेषज्ञों से अनुमोदित कराई गयी है। यह जैतखाम वायुदाब तथा भूकम्परोधी होगा। इसमें अग्नि तथा आकाशीय बिजली से सुरक्षा के लिए भी उच्च स्तरीय तकनीकी प्रावधान किए जा रहे हैं। इस विशाल जैतखाम की बुनियाद 60 मीटर व्यास की है और इसके आधार तल पर दो हजार श्रध्दालुओं के बैठने की व्यवस्था के साथ एक विशाल सभागृह का निर्माण किया गया है।
पहली मंजिल से आखिरी मंजिल तक इसमें सात बाल्कनियों का भी निर्माण किया गया है, जिनमें प्रवेश करने वाले लोग आस-पास के सुंदर प्राकृतिक दृश्यों का अवलोकन कर सकेंगे और सबसे ऊंची मंजिल तक बढ़ते हुए कुछ देर के लिए विश्राम भी कर सकेंगे।
सबसे उपर की बाल्कनी में लगभग दो सौ श्रध्दालुओं के एक साथ खड़े होने की जगह बनाकर पूजा-अर्चना की सुविधा भी विकसित की गई है। विशाल जैतखाम में नीचे-ऊपर आने-जाने के लिए अलग स्पायरल सीढ़ियों का निर्माण भी किया जा रहा है, ताकि गिरौदपुरी में आयोजित होने वाले गुरू दर्शन मेले सहित अन्य आयोजनों के दौरान श्रध्दालुओं को अलग-अलग सुव्यवस्थित मार्ग मिल सके। इसके अलावा जैतखाम में वृध्दजनों, नि:शक्तजनों, बच्चों और महिलाओं की सुविधाओं के लिए दो कैप्सूल लिफ्ट का भी निर्माण किया जा रहा है।
देश की अपनी तरह की पहली इमारत
पीडब्लूडी मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि गिरौदपुरी का जैतखाम आजादी के बाद बनी देश की अपनी तरह की पहली इमारत है। इसकी ऊंचाई कुतुबमीनार से भी 12 मीटर अधिक है। विश्व के किसी भी विशेषज्ञ से इसकी गुणवत्ता की जांच करवाई जा सकती है। यह भूकंप और हवा रोधी है। लोहे की छड़ों को चढ़ाने की वजह से निशान पड़ गए हैं दरारें नहीं हैं। क्वालिटी में कहीं समझौता नहीं किया जा रहा। कोलकाता का सिंप्लेक्स इंफ्र्रास्ट्रक्र लिमिटेड 10 दिसंबर 2007 से इसका निर्माण कर रहा है।
राजधानी से करीब 145 किलोमीटर दूर गिरौदपुरी में है भव्य जैतखाम। कसडोल से होते हुए गिरौदपुरी जाया जा सकता है। यह स्थान सतनामी समाज के धर्म गुरु बाबा गुरु घासीदास की जन्म स्थली है। मुख्य स्ट्रक्चर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। फिनिशिंग का काम पूरी रफ्तार से चल रहा है।
मीनार की छत पर बने जैतखाम तक पहुंचने के लिए दो गोलाकार सीढिय़ों का निर्माण पूरा। सीढिय़ां दो, लेकिन लगती एक ही हैं, खुली आंखों से समझना मुश्किल, रात में दूधिया रोशनी से नहाई इमारत की चमक दूर से ही दिख जाती है दो लिफ्ट भी लगाई जा रही हैं। इसके लिए टेंडर का काम पूरा हो चुका है।
दिल्ली की कुतुब मीनार से भी ज्यादा ऊंची इसकी मीनार कई किलोमीटर दूर कसडोल से ही दिखने लगती है। सफेद रंग की मीनार, उसके मुख्य भवन और जैतखंभ का आर्किटेक्चर इतना शानदार है कि आंखें ठिठक जाती हैं। दिन ढलते ही दूधिया रोशनी में इस मीनार की भव्यता देखते ही बनती है। जैतखंभ के मुख्य स्ट्रक्चर का निर्माण पूरा हो चुका है।
एक ही स्थान पर दो सीढिय़ां
गिरौदपुरी का जैतखाम आर्किटेक्चर का बेजोड़ नमूना है। इसकी सुंदरता देखते ही बनती है। जैतखंभ की छत पर जाने के लिए दो तरफ से प्रवेश द्वार और सीढिय़ां बनाई गई हैं। दोनों तरफ 435-435 सीढिय़ां हैं। दोनों सीढिय़ां इस तरह से बनाई गई हैं कि अलग-अलग चलने पर भी ऐसा आभास होता है कि लोग एक साथ चल रहे हों। दोनों सीढिय़ां एक-दूसरे के ऊपर दिखाई देती हैं। दूसरी तरफ चलने वाले लोगों को लगता है कि पास चल रहे लोगों के साथ मिला जा सकता है, लेकिन सीढिय़ां जहां छत पर खत्म होती हैं। लोगों का मिलन वहीं संभव है।
इस तरह की डिजाइन जयपुर के जंतर-मंतर और लखनऊ की भूल-भूलैया में भी इस्तेमाल की गई हैं। राजधानी में पहली बार इस तरह के आर्किटेक्चर का नमूना लोग अपनी आंखों से देख सकेंगे। गिरौदपुरी की छत पर जाने के लिए दो लिफ्ट भी लगने वाली हैं। लिफ्ट लगाने के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है। एक महीने में दो लिफ्ट लगाने का काम भी पूरा हो जाएगा।
गार्डन का काम भी शुरू
जैतखाम के चारों ओर खूबसूरत गार्डन बनाने का काम भी शुरू हो गया है। जैतखंभ के चारों ओर जंगली झाडिय़ों को साफ कर वहां मिट्टी फैलाई जा रही है। साइट इंजीनियरों के अनुसार गार्डन को देशी-विदेशी फूलों से सजाया जाएगा। गार्डन का विस्तार आगरा के ताजमहल और दिल्ली के मुगल गार्डन की तर्ज पर किया जाएगा।
उद्घाटन की तारीख जल्द तयजैतखाम का काम लगभग पूरा हो गया है। जैतखंभ के ऊपर जाने के लिए सीढिय़ां भी तैयार हो गई हैं। दो लिफ्ट भी लगाई जाएंगी, जिनके लिए टेंडर हो चुका है। जल्द ही इसके उद्घाटन की तिथि भी तय कर दी जाएगी। राजेश सुकुमार टोप्पो, कलेक्टर, बलौदाबाजार
सतनामी ध्यान, अध्यात्म से जुड़ी 1000 बुक्स गिरोधपुरी में मिलते हैं। समाधी स्टेट में 1000 सतनामी संत रहते है। हालांकि सतगुरु सतपुरुष सतनाम गोसाई से जुड़े सारे चिन्ह और शिक्षाओं की खोज अभी तक नहीं हो पाई है। यदि आप ध्यान, अध्यात्म में लगाव रखते हैं तो आप यहां से बुक्स को खरीदकर उन्हें और बेहतर ढंग से लोगों के लिए छपवा सकते हैं। इनसे जुड़ी शिक्षाओं को आप किसी वेबसाइट और इंटरनेट के माध्यम से विश्व के कल्याण के लिए बता सकते है।

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