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21 जुलाई 2012

जी हाँ दोस्तों बाइस जुलाई ...बाइस साल और रमजान का पहला पाकीज़ा दिन


जी हाँ दोस्तों बाइस जुलाई ...बाइस साल और रमजान का पहला पाकीज़ा दिन यही मेरी हमसफर की तलाश और हमसफर के साथ सफर की शुरुआत का दिन है .....बाइस जुलाई को टोंक में मेरी मंगनी यानि सगाई की जा रही थी ..........और आज इत्तेफाक की बात है संयोग की बात है के मेरी शादी का बाईसवां साल चल रहा है ......में इस पोस्ट को लिख रहा था के मेरी शरीके हयात की नज़र पढ़ी और वोह नाराज़ होकर चली गयी उनका कहना था के अरे अल्लाह यह सच्चाई क्यूँ बयान कर रहे हो इससे मेरी उम्र लगेगी और में बूढी साबित होने लगूंगी लेकिन मेने उनकी तरफ देखा और मुस्कुरा कर फिर से मेने लिखना शुरू कर दिया .........तो जनाब एक तो बाइस का आंकडा और फिर कल का दिन पाकीज़ा रमजान माह का पहला दिन खुदा हमे हमारे बच्चों और परिवार दोस्तों मित्रों को इस अवसर पर हर बहतरीन नियामतों से नवाजे लम्बी उम्र दे सहत्याबी दे ..सभी ख्वाहिशें पूरी करे और आप जेसे भाई ..बहनों और दोस्तों का प्यार हमेशा बनाये रखे और क्या लिखूं दुआ कीजिये खुदा हाफिज़ और रमजान मुबारक हो ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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