तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 जुलाई 2012
कोटा में सियासी रोजा अफ्तारों के बहिष्कार का फेसला
दोस्तों सभी जानते है के हमारे भारत में धर्म के नाम पर बढ़ी सियासते होती है और इन दिनों रोज़े के दिन है तो रोजा आफ्टर के नाम पर बढ़ी सियासतों का सिलसिला शुरू होने वाला है ..धर्म कहता है के रोजा खुद इंसान का है उसे पाकीजगी से हलाल की रोज़ी से खोलना है ..लेकिन अनजान सियासी लोगों की अनजान कमाई के अन्न से रोजा खोलने वाले लोग अपना और दूसरों का इमान बिगाड रहे है रोज़े अफ्तार में वी आई पी सियासी खुसूसी महमानों के अतिथि सत्कार के चक्कर में दर्जनों ऐसे रोज्दर ऐसे हाजी होते है जो अपने अपने भाई साहब के सामने हाथ बंधे खड़े रहे है और रोजा अफ्तार तो सही तरह से करते ही नहीं लेकिन मगरिब की नमाज़ भी नहीं पढ़ते ..इस सब माहोल को बदलने के लिए कोटा के कुछ लोगों ने ऐसे सियासी रोज़ा अफ्तारों का बहिष्कार करने का फेसला किया है उनका फेसला है के रोजा अफ्तार हो मजहबी हो गेर सियासी हो उसका खुसूसी महमान ..खुसूसी वक्ता जो कोई भी हो हम में से हो रोज्दार हो और इसकी शुरुआत आल मुस्लिम्स की तरफ से अजिज़ुला भाई और उनके साथियों ने रविवार को गेर सियासी रोजा अफ्तार कार्यक्रम रख कर शुरू कर दी है .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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