इस्लामाबाद.भारत के गुरुद्वारों और मंदिरों में कारसेवा करना डिप्टी एटॉर्नी जनरल खुर्शीद खान को महंगा पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने खुर्शीद पर विदेश में पाकिस्तान को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए नोटिस जारी किया है। खुर्शीद खान मार्च में बार एसोसिएशन के 200 सदस्यों के साथ भारत आए थे।
इस दौरान उन्होंने तालिबान और अपने गुनाहों के प्रायश्चित के लिए जामा मस्जिद, अमृतसर के स्वर्ण मंदिर और दिल्ली के बिड़ला मंदिर में जूते पॉलिश व साफ-सफाई का काम भी किया था। बार के प्रेसीडेंट यासीन आजाद ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून से कहा है कि खान को नोटिस देने की जिम्मेदारी पाकिस्तान सरकार की थी लेकिन इस काम को अंजाम देना पड़ा है।
उन्होंने कहा है कि खान ज्यादा सम्मानजनक तरीके से काम कर सकते थे। इस संबंध में खान ने बताया कि उन्हें अभी तक नोटिस नहीं मिला है, इसके बाद ही वह जबाव देने की तैयारी करेंगे। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, ‘इस तरह का नोटिस अटार्नी जनरल द्वारा जारी किया जाना चाहिए था। बार एसोसिएशन ने किस आधार पर नोटिस जारी किया है। क्या मुझ पर किसी भारतीय कानून के उल्लंघन का आरोप लगा है। भारत दौरा करने वाले दल को किसी आचार संहिता के पालन का निर्देश नहीं दिया गया था।’
मैंने नहीं, पाक को कसाब ने बदनाम किया
खान ने सवाल किया, ‘पाकिस्तान को किसने बदनाम किया। हत्यारे अजमल कसाब ने या उस व्यक्तिने जिसने सेवाभाव से हिंदू, सिख और ईसाइयों के जूते साफ किए। मेरा उद्देश्य अपने देश को बदनाम करना नहीं, सेवा करना है।’
दो साल से कर रहे कारसेवा
दो साल पहले पेशावर से तालिबान ने तीन सिखों का अपहरण कर फिरौती मांगी थी। तीन में से दो सिखों को पाकिस्तान की सेना ने छुड़ा लिया था पर तीसरे सिख की तालिबान ने हत्या कर दी थी। इस घटना से आहत खुर्शीद खान ने धार्मिक स्थलों पर जाकर स्वेच्छा से सेवा शुरू की थी। उनके अनुसार सेवा के बाद उन्हें रुहानी सुकून मिलता है।
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