आपका-अख्तर खान

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31 जुलाई 2012

बस यही कहकर तो

हाँ तुम्ही तो हो
जिसने मुझे
आम से खास बनाया ....
तुम सिर्फ मेरे हो
बस यही कहकर तो
तुमने मुझे
अपनी बाँहों में
भर लिया था
में नादान सा समझ बेठा था
के हाँ
बस अब में दुनिया का सबसे अमीर
सबसे खुशनसीब आदमी हो गया हूँ
लेकिन ऐसा कहां था
आज तुम ही हो
जो मुझे देखते हो
मेरे साथ बात किये बगेर
खामोश चले जाते हो
तुम ही हो जो मुझे जलाते हो
मुझे चिड़ाते हो
में इन्तिज़ार करता हूँ तुम्हारा
और तुम मुझे देख कर कहीं और किसी और के साथ चले जाते हो
खेर यही मेरा नसीब है
जो कुछ यादें थीं तुम्हारी वोह भी अजीब है
में उन यादों को ही
अपना खजाना समझ कर खुद को नवाब बना बेठा हूँ
मेरी यह सल्तनत मेरे ख्यालों की नगरी तो मेरी अपनी है
उसे न तुम छीन सकते हो न ही गिरा सकते हो ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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