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29 जुलाई 2012

मोदी गुजरात विकास के कुशल प्रबंधक है उन्हें मांसाहारी जानवर शेर कहकर उनका अपमान करना बंद करो

गुजरात में कुशल मेनेजमेंट कर दिल्ली की कुर्सी पर नज़र रख कर उस क्रुसी तक पहुंच बनाने के प्रयासों में जुटे नरेंद्र मोदी गुजरात विकास और गुजरात विनाश के आरोप प्रत्यारोप में पिस रहे है ...गुजरात में दंगों का एक काला अध्याय था ............लेकिन गुजरात में रोज़गार के सुअवसर और विकास के विशिष्ठ कीर्तिमान सुखद अनुभव है ..सारा देश ही नहीं विश्व जानता है के गुजरात में दंगों की कालिख पुतने के बाद नरेंद्र मोदी ने कुछ तो ऐसा क्या है के अतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनके विकासवादी मेनेजमेंट का सिक्का जम गया है ..कोन प्रधानमन्त्री बनता है...... मोदी का राजनितिक भविष्य क्या होगा यह तो वक्त की बात है ........लेकिन मोदी को इन दिनों जानवर से मिलन कर सम्बोधित किया जा रहा है सोशल साईट हो या सार्वजनिक मंच सभी उन्हें शेर शेर कहकर जानवर साबित करने का प्रयास कर रहे है इससे कई लोग आहत भी है ...आज एक कार्यक्रम में जब अहमदाबाद में कोंग्रेस के संसद ने मोदी को शेर बताया और फिर अपनी बात साबित करने के लियें फिर शेर को परिभाषित किया तो लोगों में एक बहस छिड़ गयी और मोदी समर्थित लोगों ने उन्हें बार बार एक भक्षक ..मांसाहारी शेर में मिलाने पर आपत्ति तक व्यक्त कर दी ..लोगों का कहना था के एक शेर इंसान नहीं जानवर होता है मोदी तो इंसान है दुसरे उनका कहना था के मोदी शुद्ध शाकाहारी है और शेर तो शुद्ध मांसाहारी होता है ..तीसरे लोगों का कहना था के शेर अपनी भूख मिटाने के लियें मासूम जानवरों का शिकार कर बेरहमी से हत्या करता है और फिर उनको खाकर अपनी प्यास बुझाता है..... कुछ लोगों का मोदी पर इसी तरह के जानवरी सुलूक का आरोप है ..जबकि ऐसा नहीं है मोदी तो शांत स्वभाव के विकासवादी और ईमानदार व्यक्ति है ...खेर मोदी को बार बार शेर कहकर जानवरों में क्यूँ शामिल क्या जाता है यह तो लोग ही जाने .......लेकिन सामने बात यह है के शीर्ष स्तर के ऐसे नेता जो वर्तमान में दिल्ली की क्रुसी के लियें अपनी कोशिशें तेज़ किये हुए है उन्हें अगर जानवर में मिलाकर शेर कहा जाय और फिर बहस छिड़ जाना स्वाभाविक है ....कोंग्रेस के संसद उन्हें शेर कहते है तो गुजरात कोंग्रेस मोदी को आदमखोर शेर कह डालते है ..कुछ लोग उन्हें चिड़ियाघर का तो कुछ उन्हें सर्कस का शेर कह डालते है लेकिन एक इन्सान को जानवर में मिलाना उसके लियें अपमानकारी बात है वोह भी ऐसा जानवर जो मांसाहारी है और खुद की भूख मिटाने के लियें निर्दोष जानवरों की हत्या कर अपना पेट भरता है एक शेर जिसे जंगल में देखकर छोटे मोटे शाकाहारी जानवर दर कर छुप जाते है ......लोग कुछ भी कहें लोग राजनितिक रूप से कुछ भी समझे लेकिन सच तो यह है के मोदी एक बार नहीं दो बार लोकतांत्रिक तरीके से लड़े गए चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बने है और दो बार मुख्यमंत्री बन्ने के बाद भी मोदी या उनके मंत्रिमंडल के खिलाफ उनके अपने नाराज़ लोग या फिर कोंग्रेस के लोग उनपर भ्रष्टाचार का एक भी प्रमाणित आरोप नहीं लगा सके है और यह भी सच है के उनके मेनेजमेंट में युवाओं को रोज़गार मिला है व्यापारियों और उद्द्योगपतियों को सकारात्मक माहोल मिला है जिससे गुजरात के विकास में चार चान्द लग गए है इस सच्चाई को जापान ने समझा है और देश के निष्पक्ष लोग भी समझते है इसलियें कहता हूँ दोस्तों मोदी या किसी को भी बार बार जानवर से तुलना कर उसका अपमान करना बंद करो ....................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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