नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एनडी तिवारी को पितृत्व केस में तगड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट के आधार पर यह कहा है कि एन डी तिवारी ही रोहित शेखर के पिता हैं। हाईकोर्ट में यह रिपोर्ट आज खोली गई।
रोहित शेखर के वकील ने कहा कि कोर्ट ने ऐलान किया है कि डीएनए रिपोर्ट के मुताबिक एनडी तिवारी ही रोहित शेखर के जैविक पिता हैं। वकील ने कहा कि इस मामले में अब संदेह की कोई गुंजाइश नहीं बची है।
तिवारी ने अपने ओएसडी ए डी भट्ट के माध्यम से अपना संदेश भेजा। तिवारी ने आरोप लगाया कि उन्हें बदनाम करने के लिए एक सोची-समझी साजिश का शिकार बनाया गया है। उन्होंने कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए कहा, 'मैं विवादों से दूर रहना चाहता हूं और इस मामले को ज्यादा तूल नहीं देना चाहता था। यह निजी मामला है, इसे तूल नहीं दिया जाना चाहिए। मेरी सहानुभूति रोहित शेखर के साथ है।'
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट से तिवारी को बड़ा झटका लगा। हाई कोर्ट की एक बेंच ने एनडी तिवारी की उस याचिका खारिज कर दिया,जिसमें उन्होंने अपनी डीएनए रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने की अपील की थी। इस तरह पितृत्व मामले में उनकी डीएनए रिपोर्ट के सार्वजनिक होने का रास्ता साफ हो गया। हाई कोर्ट की बेंच ने पिछले हफ्ते डीएनए रिपोर्ट 27 जुलाई को कोर्ट में खोलने के आदेश दिए थे।
गौरतलब है कि रोहित शेखर नाम के युवक का दावा है कि तिवारी उसके जैविक पिता हैं। डीएनए रिपोर्ट से इस दावे की सच्चाई पता चल गया। 87 साल के तिवारी ने अपनी याचिका में कहा था कि कोर्ट अभी तक यह निर्णय नहीं कर पाया है कि यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आता भी है या नहीं? ऐसे में रिपोर्ट सार्वजनिक करना उनके साथ भारी अन्याय होगा और अधिकार क्षेत्र पर निर्णय आने तक रिपोर्ट सार्वजनिक न की जाए।
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