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15 जुलाई 2012

इस ज़हरीले जीव ने मचा रखा था आतंक, मंत्र पढ़ते ही सामने आ खड़ा हुआ!


हिंडौन सिटी/कोटा.गांव क्यारदाखुर्द निवासी 36 वर्षीय गुमान सिंह जाट को मंत्रों से जहरीले गोहर्रा पकडऩे की महारत हासिल है। शनिवार को मोहननगर स्थित एक घर में घुसे गोहर्रा को पलक झपकते ही पकड़कर गुमान सिंह ने अपनी महारत दिखाई तो मौके पर मौजूद हर कोई दांतों तले अंगुली दबा बैठा। इसके अलावा गुमान सिंह ने मिस्त्री बाजार के पास स्थित एक स्कूल परिसर में घुसे गोहर्रा को भी इसी तरह मंत्र पढ़कर पकड़ लिया।

मोहननगर निवासी अध्यापक मुकेश सोलंकी ने बताया कि शनिवार को सुबह उनकी पत्नी ने उनके घर में एक गोहर्रा को घुसते हुए देखा। घर में घुसकर गोहर्रा किसी स्थान पर छिप गया। इससे परिवार के लोगों में हड़कंप मच गया। परिवार के लोग डर के कारण घर से बाहर आ गए। मुकेश सोलंकी को जब क्यारदा खुर्द के गुमान सिंह जाट की इस महारत के बारे में पता लगा तो उन्होंने मोबाइल पर संपर्क कर गुमान सिंह को अपने घर बुलाया।

गुमान सिंह ने घर के अंदर खड़े होकर कुछ मंत्र पढ़े और गोहर्रा सामने आ गया। पलक झपकते ही गुमान सिंह ने गोहर्रा को पकड़ लिया। तब जाकर मुकेश सोलंकी के परिवार के लोगों ने राहत की सांस ली। इस दौरान गोहर्रा ने वहीं शौच और मूत्र भी कर दिए। गुमान सिंह ने जहरीले गोहर्रा की जीभ निकालकर सभी को दिखाई। इसी तरह शनिवार को ही गुमान सिंह ने मिस्त्री बाजार के पास स्थित एक निजी स्कूल में घुसे गोहर्रा को इसी तरह मंत्र पढ़कर पकड़ लिया। गुमान सिंह की इस महारत को देखकर मौके पर मौजूद लोग आश्चर्य चकित रह गए।

क्यारदाखुर्द निवासी रामचरण जाट के पुत्र गुमान सिंह ने बताया कि वे करीब 7 माह से यह कार्य कर रहे है। बाबा जयगुरूदेव मथुरा वाले के सानिध्य में उन्होंने मंत्रों से गोहर्रा पकडऩे की महारत प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि सात माह में वे अभी तक सैकड़ों से 'यादा जहरीले गोहर्रा पकड़कर लोगों को राहत प्रदान कर चुके है।

उन्होंने बताया कि पूर्व में वेयर हाउस के पास नरेश के मकान में सोए दो बच्चों के ऊपर करीब एक हाथ लंबा जहरीला गोहर्रा लटका हुआ था। कोई भी मकान के अंदर जाने को तैयार नहीं था। ऐसे में गुमान सिंह ने उस गोहर्रा को पकड़कर न केवल दो बच्चों की जान बचाई, बल्कि आसपास के लोगों को भी गोहर्रा के आतंक से राहत दी। गुमान सिंह ने बताया कि वे गोहर्रा को पकड़कर दूर जंगल में छोड़ देते है। गोहर्रा मुख्य रूप से एक जगह स्थापित हो जाते है तो वे आसानी से अपनी जगह नहीं छोड़ते। इसलिए उन्हें दूर जंगल में छोड़ा जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि वे इसके बदले कोई भी शुल्क नहीं लेते।

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