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25 जुलाई 2012

महामहीम के खिलाफ सियासत मामले में अन्ना टीम को सरकार जेल क्यूँ नहीं भेजती

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज अपने पद की शपथ लेकर खुद को महामहीम बना लिया है ..दूसरी तरफ आज ही के दिन उनके खिलाफ अन्ना टीम के केजरीवाल ने मोर्चा खोला है ..अन्ना तो खेर आज से अनशन के अपने वायदे से मुकर गए और उन्होंने तारीख पर तारीख की तरह अपने अनशन की तारीख आगे बढ़ा दी है .................... दोस्तों सभी को पता है के प्रणव मंत्री थे तब तक तो खूब उन पर आरोप लागे लेकिन अब सर्वोच्च पद पर बेठने के बाद अगर उनपर ऐसे आरोप लगाये जाते है और सरकार और उसके वकील चुप रहते है तो मान लेना चाहिए के सरकार डरी हुई है और सरकार के जो लाखों रूपये महीना लेने वाले वकील है वोह कुछ भी कर पाने में सक्षम नहीं है ........अन्ना और उनकी टीम देश में कानून का राज चाहते है हम भी कानून का राज भ्रष्टाचार मुक्त भारत चाहते है लेकिन अगर इस नाम पर राजनीति हो तो फिर ऐसे लोगों के साथ कोई रियायत कोई छुट नहीं होना चाहिए कानून में तोडू ..आप तोड़ो या फिर अन्ना टीम तोड़े सभी को बराबर सजा मिलना चाहिए ..दोस्तों सभी जानते है के देश के सर्वोच्च पद पर बेठे व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्यवाही सम्भव नहीं है लेकिन अगर कोई ऐसे सर्वोच्च राष्ट्रपति जेसे पद पर बेठ जाये शपथ ले ले और उसके खिलाफ बिना किसी सुबूत के सडकों पर अनाप शनाप बकवास हो तो फिर ऐसे लोगों के खिलाफ तो मुकदमे दर्ज होना ही चाहिए क्योंकि देश की ग्रीमा जभी कायम रह सकेगी जब ऐसे सियासी आरोप लगाने वालों के खिलाफ कार्यवाहियां शुरू होंगी .................अन्ना ..केजरीवाल ..प्रशांत भूषण के पास प्रणव के खिलाफ की सुबूत थे तो उसे अदालत के ज़रिये मुकदमा दर्ज कराने की जगह सियासी रूप क्यूँ दिया गया यह एक प्रश्न है के एक सुप्रीम कोर्ट के वकील और उनके समर्थक भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर ऐसे व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के स्थान पर सियासत कर रहे है जबकि कोई सुबूत पुख्ता होता तो यही लोग अदालत से मुकदमा दर्ज कराते और दोषी लोगों को सजा दिलवाते लेकिन ऐसा नहीं किया गया सिर्फ भेडिया आया भेडिया आया वाली दास्तान सियासत बन कर रह गयी ..आज जंतर मंतर पर जो कुछ भी हुआ वोह सबके सामने है खुद अन्ना टीम ने प्रथम द्रष्टया माना के वोह अपराध कर रहे है और इसीलिए उन्होंने प्रणव की तस्वीर को कपड़े से ढक दिया ..लेकिन मंच से जो कुछ भी प्रणव के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद उनके खिलाफ अन्ना टीम ने कहा वोह उन्हें जेल पहुंचाने के लियें काफी है ........हमारे देश में दंड प्रक्रिया संहिता में प्रावधान है के १९९ के तहत कोई भी सरकारी वकील ऐसे मामलों में दोषी लोगों के खिलाफ उन्हें सज़ा दिलवाने के लियें सरकार से अनुमति प्राप्त कर सेशन जज के समक्ष परिवाद पेश करेगा ..लेकिन दोस्तों आप सभी जानते है के देश में सरकार अपने वकील सरकारे आने जाने के बाद बदलती रहती है और किन लोगों को सरकार वकील बनाती है और वोह लोग क्या करते है सभी जानते है सरकार अगर ज़िम्मेदार लोगों को वकील बनाये तो ऐसे मामलों में कोई भी सरकारी वकील सरकार से अनुमति लेकर मुख्य पदों पर बेठे लोगों के खिलाफ अनर्गल बातें करने वालों को जेल भेजने के लियें जिला जज के समक्ष परिवाद पेश करे इस मामले में मेने महामहीम राष्ट्रपति और प्रधानमन्त्री महोदय को एक शिकायत भेज कर दोषी लोगों के खिलाफ न्यायालय में कार्यवाही करने के लियें सरकारी वकील को निर्देश देने का निवेदन किया है जो महामहीम राष्ट्रपति कार्यालय में पी आर एस ई सी /ई /२०१२/१००२२ पर दर्ज की गयी है जिस पर निर्णय होना है ..........दोस्तों ऐसे अनर्गल आरोप लगाकर माहोल बिगाड़ने और राजनीति करने वाले लोगों को दंड मिलना चाहिए शायद आप भी यही चाहते होंगे वरना सियासत अगर नहीं तो फिर मुकदमा दर्ज होना चाहिए था जो अन्ना टीम ने अब तक विधिक प्रक्रिया नहीं अपनाई है ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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