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17 जुलाई 2012

तृणमूल पर कांग्रेस भारी: लौट के ममता सोनिया के दर आईं

नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए यूपीए के उम्‍मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन करेंगी। कोलकाता में आज तृणमूल के सीनियर नेताओं की बैठक हुई जिसमें ममता को वोटिंग के लिए आखिरी फैसला के लिए अधिकृत किया गया। इससे पहले खबर आ रही थी कि तृणमूल कांग्रेस राष्‍ट्रपति और उपराष्‍ट्रपति चुनावों की वोटिंग से दूर रह सकती है।

ममता ने पार्टी के फैसले की जानकारी देते हुए प्रणब को समर्थन देने के पीछे गठबंधन की मजबूरी और बलिदान की राजनीति का हवाला दिया। ममता ने कहा कि यदि हमारी पार्टी इन चुनावों में वोटिंग नहीं करती, तो यह अलोकतांत्रिक होता। हालांकि उन्‍होंने यह भी साफ किया कि उनकी पार्टी कांग्रेस का विरोध करती रहेगी लेकिन यूपीए गठबंधन का हिस्‍सा बनी रहेगी।

ममता ने कहा कि उनके पास प्रणब का समर्थन करने के अलावा कोई विकल्‍प नहीं बचा है। ममता ने इससे पहले राष्‍ट्रपति पद के लिए पूर्व राष्‍ट्रपति एपीजे अब्‍दुल कलाम का नाम सुझाया था लेकिन कलाम ने खुद ही चुनाव लड़ने से मना कर दिया। प्रणब ने भी तृणमूल कांग्रेस के वोट के लिए ममता को कई बार मनाने की कोशिश की।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर एक बार फिर पार्टी आलाकमान की गाज गिरी है। खबर है कि दिग्विजय की पार्टी के उत्तर प्रदेश और असोम के प्रभारी पद से छुट्टी कर दी गई है। उनकी जगह बीके हरिप्रसाद को यह अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि, कांग्रेस की तरफ से अभी तक इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है।
सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने यह कदम उठाया है और वे 19 जुलाई के बाद फिर से यूपी और असोम के प्रभारी बनाए जा सकते हैं। खबरों के मुताबिक कांग्रेस ने यह कदम अपनी सहयोगी तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी को खुश करने के लिए उठाया है ताकि वे प्रणब मुखर्जी के पक्ष में वोट डालने के लिए राजी हो जाएं। राष्‍ट्रपति चुनाव पर विचार-विमर्श के लिए कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं के साथ दस जनपथ पर बैठक की।
लेकिन दिग्विजय सिंह ने इस खबर से इनकार किया है। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि उन्हें सिर्फ अस्थायी तौर पर कार्यमुक्त (रिलीव) किया गया है, हटाया नहीं गया है। वहीं, एक अन्य समाचार एजेंसी का कहना है कि दिग्विजय सिंह को प्रभारी पद से हटाया नहीं गया है, बल्कि बीके हरिप्रसाद को उनका सहयोग करने को कहा गया है।
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने ममता बनर्जी को लेकर पिछले महीने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता ने ममता बनर्जी को पिछले दिनों 'अपरिपक्व' और 'एक बात पर कायम न रहने वाला' नेता बताया था। दिग्विजय सिंह ने कहा था, 'राष्ट्रपति पद के लिए ममता बनर्जी द्वारा मनमोहन सिंह का नाम लेना प्रधानमंत्री के लिए बहुत ही शर्मिंदगी भरी बात थी और पार्टी के लिए उससे ज़्यादा।' दिग्विजय के इस बयान के बाद पार्टी आलाकमान ने सफाई दी कि अब से उनके बयान को पार्टी का आधिकारिक बयान नहीं माना जाएगा।

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