दोनों ओर से ईंटें चलीं। स्थिति संभालने के लिए पुलिस ने अभियान चलाया। मौके पर पहुंची पुलिस ने बंधकों को मुक्त कराया। सामाजिक मर्यादाओं के खिलाफ जाकर कोर्ट के माध्यम से 28 मार्च को शादी करने वाले रविदास बस्ती के युवक संदीप व युवती अंजू के शहर में आने से गुरुवार रात को पूरी बस्ती में बवाल का माहौल बना रहा।
हालांकि इन लोगों ने घर आने से पहले पुलिस को सूचना नहीं दी। अगर पुलिस को मामले की खबर न लगती तो शायद ही ये दंपती शुक्रवार की सुबह देख पाता।
पंचायती फरमान को तोड़ा तो छावनी बनी बस्ती: रिश्ते में मौसेरे भाई-बहन लगने वाले संदीप व अंजू की शादी के खिलाफ बिरादरी की पंचायत ने फैसला दिया था कि वे कभी बस्ती में न लौटें। 12 जुलाई को रात 10 बजे के करीब लड़का अपनी पत्नी को लेकर अपने घर रविदास बस्ती आ गया। जब इस बात का पता लड़की वालों को चला तो वह रात्रि के समय लड़के वालों के घर से लड़की को ले गए तथा दोनों पक्षों में मारपीट हुई। इसके बाद लड़के पक्ष के परिवार को दंपती व रिश्तेदारों के साथ लड़की पक्ष के लोगों ने बंधक बना लिया। लोगों ने मौके पर पहुंचे पुलिस व प्रशासन की एक न सुनी और उन पर हमला बोल दिया। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया।
सारी रात चला रेस्क्यू ऑपरेशन:मामला सामाजिक मर्यादाओं का बन गया था। पंचायत के फरमान के बाद पूरी बस्ती के लोग घरों की छतों पर उतर आए थे। पुलिस ने रात 11 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। बस्ती की संकरी गलियों में पुलिस वाहन नहीं जा रहे थे।
ऐसे सुरक्षित निकाला बंधकों को:पुलिस छतों से लोगों के हटने का इंतजार करती रही लेकिन सुबह होने का इंतजार भी नहीं किया जा सकता था। सुबह होने पर मामला विस्फोटक बन जाता। पुलिस लगभग डेढ़ दर्जन बंधक बनाए लोगों से 50 मीटर दूर थी। पुलिसकर्मी एक-एक करके उस घर तक पहुंच गए जहां लोगों को बंधक बनाया गया था। सभी को निकालकर चलने लगे तो छतों से ईंटें बरसने लगीं। कुछ देर बाद पुलिस ने स्थिति पर काबू पा लिया। पुलिस ने हमलावरों से लाठी, डंडे व लोहे की छड़ आदि हथियार भी बरामद किए हैं।
पुलिस प्रशासन के ये लोग हुए घायल:रेस्क्यू ऑपरेशन में एसडीएम मुकेश आहूजा, एसीपी राजकुमार वालिया, सीआईए इंस्पेक्टर कुलभूषण, एसएचओ बलदेव नगर पवन कुमार, ईएसआई रामकरण व सिपाही नरेश को भी चोटें आई।