कुरुक्षेत्र.प्रदेश में गोचरान भूमि की मांग पर अड़े संतों की तपस्या दिन ब दिन कड़ी होती जा रही है। पिछले 18 दिन से ब्रह्मसरोवर पर आमरण अनशन पर बैठे संत गोपाल दास की अब तबीयत बिगड़ने लगी है, वहीं पंचदशाननी अखाड़े के महंत ब्राहमण पुरी ने सोमवार को एक घंटे जल समाधि ली।
बड़ा ही भयानक था ये हादसा, देखने वालों की अटक गई सांस
इसी अखाड़े के संत पारेश्वर पुरी का दूसरे दिन भी खड़ा तप जारी है। संत गोपाल दास भी अनशन पर बैठ गए। इसी तरह हरिद्वार से आए संत रामजीदास ने भी गो रक्षा के लिए अपना विशेष योगदान दिया। गऊओं की अनदेखी पर दुखी मन से संत दंडी स्वामी ने कहा कि हमारी कड़ी तपस्या के बाद भी सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। वे बोले कि हमने कभी सोचा भी नहीं था कि हिन्दुओं की मां गऊ के इतने बुरे दिन भीकभी आएंगे।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
10 जुलाई 2012
एक जिद की खातिर अजीबो-गरीब तप कर रहे हैं योगी
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