अहमदाबाद। गुजरात के मेहसाना जिले के चर्चित दीपड़ा दरवाजा केस में सजा का ऐलान कर दिया गया है। हत्या की कोशिश के 21 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है जबकि एक पुलिस अधिकारी को लापरवाही का दोषी करार दिया गया है। पुलिस अधिकारी को एक साल की कैद हुई है। इस केस में कुल 83 आरोपी थे, जिनमें 61 लोगों को बरी कर दिया गया है।
गुजरात दंगों के दौरान 28 फरवरी 2002 को मेहसाना में एक परिवार के 11 सदस्यों को दंगाईयों ने मौत के घाट उतार दिया था। यह हत्याकांड दीपड़ा दरवाजा कांड के नाम से चर्चित है। यूसुफ पठान के परिवार के 11 लोगों की भीड़ ने हत्या कर दी गई थी। यूसुफ और उनकी बेटी किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहे।
इस पूरे हत्याकांड की जांच सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई एसआईटी ने की थी। इसमें 85 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसमें से एक की मौत हो चुकी है, जबकि एक पर केस बाल अदालत में चल रहा है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 जुलाई 2012
गुजरात दंगा : दीपड़ दरवाजा केस में 22 दोषियों को उम्रकैद
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