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13 जून 2012

महामहीम बनाने के लियें ऐसी उठापटक होगी तो केसे चलेगा देश का विधान और देश का काम

महामहीम ऐसे बनेंगे तो केसे चलेगा देश का काम ..जी हाँ दोस्तों आप सभी देख रहे है किस तरह से एक महामहिम की तलाश में कोंग्रेस और उससे जुए लोग चिंतन मंथन कर रहे है भाजपा अपनी जगह सियासत खेल रही है तो फिर कोग्रेस के साथ सत्ता का मजा भोग रहे राजनितिक दल अपनी रोटियां सेक रहे है ..रोज़ महामहिम के लियें नये नाम उछल रहे है जो भी नाम उछल रहे है वोह ऐसे नाम है जो सियासत के गुलाम है किसी विशिष्ठ पार्टी और उसके अध्यक्ष की दया पर जीवित है तो दोस्तों हमारे भारत के विधान में महामहिम चुनाव में इस पद के उम्मीदवार के चायांप्र्क्रिया में ऐसी दुर्गन्ध फेलेगी कभी संविधान निर्माताओं ने ख़्वाबों में भी नहीं सोचा होगा ..आप सोचें जो पार्टी और किसी विशिष्ठ नेता के प्रति जवाबदार होगा उसका देश और देश के नागरिकों से क्या लेना देना उसके हालात तो बस ऐसे ही होंगे के तुम कहो रात तो में रात कहूँ तुम कहो दिन तो में दिन कहूँ ..तो दोस्तों भाजपा ने ऐ पी जे कलाम का फिर नाम उछाला था लेकिन कोंग्रेस को स्वतंत्र सोच वाला व्यक्ति इस पद पर नहीं चाहिए उसे तो ऐसा व्यक्ति चाहिए जो बेठे तो कुर्सी पर लेकिन उसके दिमाग का रिमोट उनके पास हो ..लेकिन ममता और सपा इनका खेल बिगाड़ने में लगे है इधर कम्युनिस्ट पिटने और हारने के बाद हामिद अंसारी को आगे नहीं बढ़ा पा रहे है.....देश में राष्ट्रपति महामहिम जेसे पद के लियें ऐसी उठापटक और सोदेबजी होगी किसी ने शायद ख़्वाबों में भी नहीं सोचा होगा और यही कारण है के अब इस पद पर भी गुणवत्ता वाले लोगों की अहमियत नहीं रही है सभी जानते है सभी ने संविधान पड़ा है लेकिन देश इन दिनों जिस संकट के दोर से गुजरा है ..चाहे कला धन हो चाहे भ्रस्टाचार मामला हो ..चाहे आन्दोलन हो सभी मामलों में महामहीम के लियें कहने और करने को काफी कुछ था लेकिन सब कुछ सब कुछ जिसमे देश रसातल में जा रहा हो और महामहीम विशेष शक्तियों का प्रयोग नहीं करें तो फिर संविधान में तो ऐसे अधिकार देने वालों ने दे दिए थे लेकिन जनहित में इन अधिकारों का उपयोग नहीं हो तो देश और देश की जनता कहाँ जायेगी यहाँ तो गरीबों को रोटी के लियें अट्ठाईस रूपये और खुद की लेट्रिन के लियें लाखों रूपये खर्च करने वालों की ही अहमियत बन गयी है जिन्हें बर्खास्त करने के अधिकारों के बाद भी इन पदों पर बेठे लोगों की चुप्पी तोबा का मुकाम है ..देखते है हालात और वक्त अभी आगे इस देश और देश की जनता को क्या कुछ दिखाता है ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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