शुक्र सौर मंडल का सबसे चमकीला ग्रह है। यह 6 जून को सुबह 3:39:23 बजे से 10:34:34 बजे तक पृथ्वी और सूर्य के बीच में अपनी कक्षा में गुजरेगा। इस ऐतिहासिक खगोलीय नजारे को इस अवधि में देखने के लिए जयपुर में विशेष तैयारी की गई है।
विशेष इंतजाम
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से इसे देखने के लिए जयपुर के शास्त्री नगर के विज्ञान पार्क में सुबह 7 से 10:20 बजे तक विशेष इंतजाम किए गए हैं, जिसमें आमजन को यह दृश्य सौर फिल्टर से दिखाया जाएगा। जयपुर के अलावा विभाग ने जोधपुर, कोटा, उदयपुर व बीकानेर में भी ऐसे इंतजाम किए हैं। इसी संदर्भ में 1 जून से 6 जून तक के लिए विज्ञान पार्क में एक प्रदर्शनी भी लगेगी। बिड़ला तारामंडल में भी ओपन लॉन में टेलीस्कोप लगाकर यह घटना दिखाई जाएगी।
यह है शुक्र
शुक्र को शाम या सुबह का तारा भी कहा जाता है। यह आकाश में सूर्य और चंद्रमा के बाद सबसे चमकीला पिंड है। इसे दिन में भी देखा जा सकता है। चंद्रमा की तरह शुक्र भी सूर्य के चारों ओर परिभ्रमण के दौरान कलाएं प्रदर्शित करता है, जिन्हें टेलीस्कोप से देखा जा सकता है।
शुक्र पारगमन देखने के लिए क्या करें, क्या न करें
यह करें
:सूर्य के प्रतिबिंब को पिन के बराबर छिद्र से छाया युक्त] शेडेड दीवार पर प्रेषित करें।
:किसी सफेद कागज अथवा स्क्रीन या फिर दीवार पर सूर्य के प्रतिबिंब को प्रक्षेपित करने के लिए छोटी दूरबीन अथवा बायनोक्यूलर का उपयोग किया जा सकता है।
:ग्रहण के कारण आंशिक रूप से ढके सूर्य को सीधह्य ही किंतु सुरक्षित ढंग से देखने के लिए वैज्ञानिक तरीके से परीक्षित व प्रमाणित फिल्टर का ही प्रयोग करें।
:सूर्य को रुक-रुक कर देखें।
ऐसा न करें
:नंगी आंखों से सूर्य को देखने की चेष्टा न करें।
:सूर्य को कभी भी दूरबीन या बायनोक्यूलर से नहीं देखें।
:किसी भी ऐसे फिल्टर का प्रयोग न करें जो सूर्य की दृश्य तीव्रता को घटाता है।
:रंगीन फिल्म, धुएं से काले किए गए या रंगीन बनाए गए कांच जिसे स्मोक्ड ग्लास भी कहा जाता है, धूप के चश्मे, नॉन सिल्वर श्वेत-श्याम (ब्लैक एंड व्हाइट) फिल्म, फोटोग्राफिक, न्यूट्रल डेनसिटी फिल्टर्स तथा पोलराइजिंग फिल्टर्स का प्रयोग न करें।
पारगमन क्या है
जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आता है तब सूर्यग्रहण होता है। जब बुध या शुक्र सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तो उसे पारगमन (ट्रांजिट) कहते हैं। चूंकि शुक्र ग्रह पृथ्वी से काफी दूर है, इसलिए पारगमन के दौरान एक छोटा काला धब्बा बनाता है।
8 जून, 2004 को हुई थी ऐसी घटना
8 जून 2004 को शुक्र पारगमन का नजारा लिया गया था। इसके बाद अगला पारगमन 105़ 5 वर्षो के लंबे अंतराल के बाद परिघटित होगा।
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