फरवरी 2002 में गुजरात दंगों के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के गुजरात का दौरा करने से तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी असहज थे। वाजपेयी ने कलाम से पूछा था, 'क्या आप इस वक्त गुजरात जाना जरूरी समझते हैं?'
अपनी नई किताब में यह खुलासा करते हुए पूर्व राष्ट्रपति कलाम ने कहा है कि उस वक्त गुजरात के उनके प्रस्तावित दौरे को लेकर उन्हें कई तरह के सवालों का सामना करना पड़ा था और मंत्रालयों और बाबूओं ने उन्हें गुजरात के मामले में उस वक्त दखल न देने की सलाह दी थी।
किताब में अपनी गुजरात यात्रा का जिक्र करने के बाद कलाम ने लिखा है, 'दूसरों के विचारों के प्रति बढ़ती असहनशीलता और दूसरों के जीवन और धर्म के प्रति बढ़ती अवमानना या इन मतभेदों को जाहिर करने के लिए की गई हिंसा को किसी भी रूप में जायज नहीं ठहराया जा सकता।'
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