पटना. बिहार में रणवीर सेना के संस्थापक माने जाने वाले ब्रह्मेश्वर सिंह उर्फ ब्रह्मेश्वर मुखिया की अज्ञात हमलावरों ने आज तड़के गोली मार कर हत्या कर दी। वे सुबह चार बजे टहलने के लिए निकले थे, तभी पहले से घात लगाए अज्ञात अपराधियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। अपराधियों ने उनके शरीर में लगभग 40 गोलियां दागीं और फरार हो गए।
बिहार में सत्तारूढ़ जद(यू) के प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने हत्या की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि यह राजनीतिक हत्या का मामला लग रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री और राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव ने इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। राज्य के डीजीपी अभयानंद मौके पर पहुंचने वाले हैं। मुखिया के समर्थक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आने तक लाश नहीं उठाए देने पर अड़े हैं।
हत्या के बाद से आरा में रणवीर सेना समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। जगह-जगह आगजनी और तोड़फोड़ की सूचना है। आरा के कतिरा थाना क्षेत्र में जहां पर मुखिया की हत्या हुई है वहां पर स्थित हरिजन छात्रावास में आग लगा दी गई है। इसके अलावा सर्किट हाउस में भी आगजनी और तोड़फोड़ की सूचना है। आरा प्रशासन ने हालात को काबू में रखने के लिए धारा 144 लगा दी है। पूरे बिहार में अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
शहर में कई जगह सीआरपीएफ तैनात कर दिया गया है। आरा के हालात पर केंद्रीय गृह मंत्रालय भी लगातार नजर बनाए हुए है। आंतरिक सुरक्षा (सचिव) ने बिहार के डीजीपी से बातचीत की है।
हत्या की घटना के बाद से हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और प्रदर्शन कर रहे हैं। सड़क मार्ग से लेकर रेलवे मार्ग तक को मुखिया समर्थकों ने बाधित कर दिया है। बीडीओ दफ्तर सहित कुछ सरकारी कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया गया है। मुखिया के समर्थकों ने आरा रेलवे स्टेशन पर जमकर तोड़फोड़ की और एक डेयरी के वाहन को भी फूंक दिया। पुलिस शहर में गश्त कर रही है
बता दें कि ब्रह्मेश्वर सिंह मुखिया बिहार का जाना माना नाम है और वो रणवीर सेना के कारण चर्चा में आए थे। कई संगीन अपराधों में शामिल सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। वह हाल ही में जेल से रिहा हुये थे। जेल से निकलने के साथ ही किसानों के लिए एक संगठन की स्थापना भी की थी, जो किसानों के हित के लिए संघर्ष करता। लेकिन मुखिया की हत्या की इस घटना के बाद से ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं फिर से बिहार में खूनी संघर्ष का दौर ना शुरू हो जाए।
उल्लेखनीय है कि बिहार के जातीय संघर्ष के दौर में ऊंची जातियों ने एक सेना का गठन किया था जिसे रणवीर सेना नाम दिया गया था। राज्य में 90 के दशक में हुए कई नरसंहारों में रणवीर सेना का हाथ माना जाता है। हाल ही में ब्रह्मेश्वर सिंह को बथानी टोला नरसंहार मामले में बाइज्जत बरी कर दिया गया था। हालांकि हाई कोर्ट के इस फैसले की कड़ी आलोचना हुई भी थी।
उधर बथानी नरसंहार में बरी किए जाने के खिलाफ माले भी लगातार धरना प्रदर्शन कर रहा था। आरा में पिछले 26 मई से धरना पर बैठे माले के पूर्व विधायक सुदामा प्रसाद को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने ये कदम उनकी सुरक्षा के कारण उठाया है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
01 जून 2012
रणवीर सेना सुप्रीमो को भूना, विरोध में उबला आरा
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