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25 जून 2012

कांग्रेस-प्रणब के 50 साल पुराने रिश्‍ते का अंत, विदाई देने नहीं आए दिग्विजय


नई दिल्‍ली। राजधानी में सोमवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) में पार्टी के महासचिव दिग्‍विजय सिंह नहीं दिखे। वह भोपाल में हैं। आज की बैठक यूपीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को आधिकारिक रूप से विदा करने के लिए बुलाई गई थी।

दिग्‍विजय सिंह का कहना है कि गृह जिले में होने के कारण वो इस कार्यक्रम में हिस्‍सा नहीं ले पाए।

बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के अलावा कई वरिष्‍ठ नेता मौजूद थे।बैठक में प्रणब मुखर्जी के पार्टी को दिए चार दशक के योगदान पर प्रस्ताव पारित किया गया। मुखर्जी 1978 में पहली बार सीडब्ल्यूसी के सदस्य बने थे। कांग्रेस कार्यसमिति की ओर से औपचारिक विदाई देने के साथ ही प्रणब और कांग्रेस का रिश्‍ता औपचारिक तौर पर खत्‍म होने पर मुहर लग गई।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने कुछ दिनों पहले ही एक प्रेस नोट के जरिए मीडिया को बताया था पार्टी के महासचिव दिग्‍विजय सिंह के बयान को कांग्रेस का बयान नहीं समझा जाए। कांग्रेस के मीडिया सेल ने एक बयान जारी कर यह फरमान सुनाया था कि दिग्विजय सिंह पार्टी की तरफ से बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं। इसके बाद से कांग्रेस के तेज तर्रार नेताओं में शुमार दिग्‍विजय सिंह न तो मीडिया से रूबरू हो रहे हैं और न ही किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में कुछ खास नजर आ रहे हैं। दिग्‍विजय सिंह का अगला कदम क्‍या होगा, यह राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

दिग्विजय पर भाजपा का हमला

मध्‍य प्रदेश प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा कहते हैं कि कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बयानों से खुद को अलग कर साबित कर दिया है कि उनके बयान सत्य से परे और अनर्गल होते हैं। मध्य प्रदेश की जनता दिग्विजय सिंह को नौ साल पहले ही नकार चुकी थी, अब कांग्रेस ने भी उनकी ऐसी ही हालत कर दी है।

क्‍या कहा था दिग्विजय ने

दिग्विजय सिंह ने हाल में तृणमूल कांग्रेस चीफ और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर टिप्‍पणी की थी। उन्‍होंने कहा था कि यह पार्टी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और पीएम मनमोहन सिंह के लिए बेहद शर्मनाक है कि ममता बनर्जी ने न सिर्फ यूपीए के उम्‍मीदवारों के नाम खारिज कर दिए बल्कि समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाकर तीन और नाम उछाल दिए जिसमें एक पीएम का भी नाम शामिल था। हर बात की सीमा होती है, जहां तक कोई झुक सकता है। उनके इस बयान के बाद ही कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर कहा कि आगे से दिग्विजय के बयान का कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं होगा।

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