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17 मई 2012

कोटा के केथुनीपोल इलाके में सटोरियों की धर पकड़ के बाद भी ज़िम्मेदार अधिकारीयों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं

राजस्थान हाई कोर्ट के जज महेश शर्मा ने अपने एक आदेश में क्रिकेट सट्टा और दुसरे मामले में गंभीर क़दम उठाने के निर्देश दिए है ..आप और हम सभी जानते है एक सट्टा ही ऐसा व्यापार है जिसे पुलिस के काफी अधिकारी अपनी छत्र छाया में चलवाते है सभी जानते है के सटोरियों के हाथ बहुत लम्बे होते है हजारों लाखों और करोड़ों का सट्टा रोज़ चलता है लेकिन पुलिस उसमे भागीदार होती है तो वोह चलता रहता है और अगर पुलिस का कोई अधिकारी इसके खिलाफ कार्यवाही चाहता है तो पहले तो निचले पुलिसकर्मी सटोरियों को पूर्व सुचना देकर भगा देता है और ज्यादा से ज्यादा खुद को सट्टे के खिलाफ साबित करने के लियें सो दो सो हजार रूपये का सट्टा एक व्यक्ति या दो व्यक्तियों को बुला कर पकड़ना बताता है अख़बार में खबर छपवाता है टी वी चेनलों पर ब्रेकिंग न्यूज़ चलवाता है शायद इसीलियें राजस्थान उच्च न्यायालय ने इसे गंभीरता से लिया है और अब सी बी आई से इस में दखल देने को कहा है .........बात कोटा की करते हैं यहाँ लाखों का सट्टा व्यापार रोज़ चलता है कुछ लुका छीपी तो कुछ पुलिस को हिस्सेदार कर इस कारोबार को करते है केथुनीपोल थाना इलाके में बे रोकटोक लाखों का सट्टा चलता है यहाँ जब भी आई जी कोई रेट डलवाता है तो बढा सट्टा पकड़ा जाता है और उप अधीक्षक स्तर का अधिकारी इसमें शामिल निकलता है पहले कोटा में सत्येन्द्र सिंह रानावत थे इलाके में आल इस वेळ था लेकिन आई जी से मुखबिरी हुई और छापा पढ़ा लाखों का सट्टा रंगे हाथों पकड़ा ..अभी कोटा के नए आई जी आए उन्हें बताया गया के केथुनीपोल में सट्टे के मामले में आल इस वेळ है लेकिन फिर मुखबिरी हुई और एक नये प्रशिक्षु आई पी एस विकास शर्मा के नेतृत्व में केथुनीपोल थाना इलाके में छापा मारा गया सटोरियों की धर पकड़ की गयी टॉप के सटोरिये पुलिस की गिरफ्त में थे ,,इलाके के उप अधीक्षक का चेहरा देखने लायक था के उनकी पोल खुल चुकी है लेकिन खुद के राजनीति दांव पेंच और रसुकात के चलते उपाधीक्षक मोहोदय इस पोल खुलने के बाद भी निश्चिन्त थे के उनका कोई भी अधिकारी कुछ नहीं बिगाड़ सकता ..वेसे अगर सिद्धांत की बात अगर हम करें तो इतने बढे पैमाने पर सटोरियों की धरपकड़ के बाद इस इलाके के उप अधीक्षक की तो छुट्टी हो जाना चाहिए थी ताके दुसरे लोगों को भी सबक मिलता लेकिन जनाब कोटा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी है के कोड में खाज बने अधिकारीयों की सफाई के बारे में सोचते ही नहीं उलटा सीना थोक कर कहते है के हम तो हमारी फ़ोर्स के साथ है .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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