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23 मई 2012

पेट्रोल की कीमतों पर हल्ला तो बहुत है लेकिन कीमतें कम और नियंत्रित केसे हो इसका कोई सुझाव क्यूँ नहीं देता भाई

अभी हाल ही में कोंग्रेस में खुद को कट्टर समाजवादी कहने वाले जयपाल रेड्डी पेट्रोलियम मंत्री ने पेट्रोल की कीमतों में ताबड़ तोड़ वृद्धि की है जिससे देश और देश की जनता हिल गयी है ....कोंग्रेस हो चाहे भाजपा चाहे दूसरी पार्टियाँ हो सभी दिल से इस फेसले की आलोचना कर रहे है ..गोअया के मुख्यमंत्री ने तो इस मामले में टेक्स कम कर पहले ही वहां की जनता को राहत दे दी थी ...........लेकिन अब तक किसी भी पार्टी या नेता ने यह सुझाव नहीं दिया है के अगर वोह सत्ता में होते तो पेट्रोल की बढती हुई कीमतों की मुसीबत से वोह देश को केसे बचाते ..आलोचनाएँ तो खूब हो रही है लेकिन समालोचना पेट्रोल की कीमत क्यूँ बढ़ी है ..अरब देशों से पेट्रोल की कीमत कितनी होती है और किन किन स्थानों पर टेक्स चुकाने से पेट्रोल के भाव अनावश्यक बढ़े है इस पर चर्चा नहीं हो रही है ..अख़बारों और मिडिया का अभी कोई सकारात्मक सुझाव नहीं है पेट्रोलियम मंत्रलय तो है लेकिन पेट्रोल निति नहीं बनाई गयी है .........अरब देशों में उनकी जरूरत की चीजें जो केवल भारत ही उन्हें दे सकता है या अमेरिका को भारत ही उनकी जरूरत की चीजें दे सकता है अगर उस निर्यात निति में बदलाव कर भारत उन देशों से बदले में सस्ती दर पर पेट्रोल मांगे तो देश की बल्ले बल्ले हो सकती है ..देश की अर्थव्यवस्था पेट्रोल पर ही निर्भर है और भारत की बेवकूफी से हाँ बेवकूफी ही कहेंगे के इराक हमेल में अमेरिका को पेट्रोल उपलब्ध करा कर पेट्रोल बाज़ार पर अमेरिका का कब्जा करवा दिया है अब यही हाल अमेरिका इरान के साथ करने के मुड में है ..अमेरिका का पेट्रोल पर एकाधिकार होने से भारत की दिक्काते निरंतर बढ़ रही है अगर भारत विदेश निति ..आयत निर्यात निति में बदलाव कर अमेरिका और पेट्रोल उत्पाद देशों से सख्ती कर सोदेबाज़ी करे तो निश्चित तोर पर भारत सस्ते पेट्रोल का देश हो सकता है भारत अगर पेट्रोल निजी कम्प्न्यों के हाथो से छीन कर खुद अपने हाथों में ले ले खुद का मुनावा काम कर ले कर्मचारी और छीजत काम कर दे तो भी पेट्रोल की कीमतें नियंत्रित हो सकती है दूसरी बात यह है के अगर भारत और इसके राज्यों के पेट्रोल के नाम पर वसूलने वाले टेक्स में कमी कर दी जाए या जीरो टेक्स हो जाए तो खुद बा खुद देश के हालात सुधरेंगे और रूपये की मजबूती होगी लेकिन ऐसा तभी सम्भव है जब देश की सभी राजनीतिक पार्टियाँ इस पर विचार करें चिन्तन मंथन करें और एक कार्ययोजना तय्यार करें ..या फिर देश के किसी भी पत्रकार ..किसी भी राजनितिक पार्टी किसी भी नेता समाजसेवी संगठन के पास इस मामले में कोई स्थाई फार्मूला हो तो वोह बताये ताकि उस पर अमल कर देश को इस मुसीबत से बचाया जा सके और फिर से एक नया आदर्श भारत निर्मित किया जा सके वरना कोरी आलोचना और कोरी अफवाहों से तो देश अराजकता की तरफ ही जाएगा इस आलेख के माद्यम से सभी भाईयों और नेताओं का स्वागत है के वोह इस मामले में जो भी बहतर सुझाव हों वोह दें ताकि उनके सुझाव एक क्रान्ति के रूप में देश की सरकार के पास पहुंचा कर उस पर अमल करवाने के लियें दबाव बनाया जा सके ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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