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25 मई 2012

विवाह पंजीयन कानून में हुआ एक बड़ा संशोधन!

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अजमेर.राज्य सरकार ने विवाह पंजीयन कानून में एक बड़ा संशोधन किया है। अब बाल विवाह के बाद वैवाहिक पंजीयन का प्रावधान समाप्त कर दिया है। बालिग होने पर वैवाहिक पंजीयन की कट ऑफ डेट भी सरकार ने तय कर दी है। ऐसे लोग जिन्होंने बाल विवाह किया और अब वे 31 दिसंबर 2005 तक बालिग हो गए हैं, वे अपना पंजीयन करा सकेंगे। इसके बाद बालिग होने वाले जोड़ों का पंजीयन नहीं किया जा सकेगा। अजमेर नगर निगम ने नए कानून के मुताबिक बाल विवाह करने वाले जोड़ों का बालिग होने पर शादी का रजिस्ट्रेशन करना शुरू कर दिया है।


राज्य सरकार ने अनिवार्य विवाह पंजीकरण अधिनियम 09 में वर्ष 2011 में यह प्रावधान किया था बाल विवाह के एक माह बाद वैवाहिक पंजीयन कराया जा सकता है। इसके लिए दोनों को अपने माता व पिता को शादी के एक माह के भीतर संबंधित निकाय में सहमति का शपथ पत्र जमा कराना था। ऐसे प्रकरणों में एक माह के बाद आवेदन करने पर जुर्माना वसूलने का प्रावधान भी था। इससे बाल विवाह रोकने के लिए बने शारदा एक्ट के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े हो गए थे।

इसका व्यापक विरोध भी हुआ, यही कारण रहा कि आखिरकार सरकार को इसमें संशोधन कर बाल विवाह के एक माह बाद पंजीयन का प्रावधान अब समाप्त कर दिया है। अब जिन जोड़ों का बाल विवाह हुआ था, लेकिन वे 31 दिसबर 2005 तक बालिग हो गए हैं, तो उनकी शादी का रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।


पहले नहीं था कोई प्रावधान

पहले मैरिज अधिनियम 2009 में छोटी उम्र में हुई शादियों का रजिस्ट्रेशन करने का कोई प्रावधान नहीं था। इसकी वजह से प्रदेश भर की निकायों में सैकड़ों प्रकरण लंबित पड़े थे। नए आदेश के बाद बाल विवाह करने वालों को काफी राहत मिलेगी। संशोधन के बाद निगम करीब 200 से अधिक जोड़ों का रजिस्ट्रेशन कर भी चुकी है।

ये दस्तावेज जरूरी

शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए वर—वधू, दो गवाह और पंडित का शपथ पत्र पेश करना पड़ेगा। शादी का कार्ड नहीं होने पर अलग से एक शपथ पत्र देना होगा। शपथ पत्र में वर वधू को लिखना होगा कि उनका बाल विवाह हुआ था, लेकिन उनमें किसी प्रकार का मनमुटाव नहीं है और वे साथ रह रहे हैं। इसके अलावा जन्म तिथि प्रमाणित करने के लिए स्कूल अथवा जन्म का प्रमाण पत्र, स्थायी निवास के लिए राशन कार्ड या मतदाता पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा।

बाल विवाह करने वाले जोड़ों को शादी का रजिस्ट्रेशन कराते समय वर्तमान के तीन संयुक्त फोटो, दोनों के अलग अलग दो फोटो पेश करने होंगे। शपथ पत्र नोटेरी से प्रमाणित होने चाहिए। आवेदन जमा कराते समय वर एवं वधू को संबंधित अधिकारी के समक्ष पेश होना पड़ेगा।

ये होंगे फायदे

1. शादी को कानूनी मान्यता मिलेगी।

2. तलाक व अन्य कानूनी मामलों में प्रमाणित दस्तावेज का कार्य करेगा।

3. सरकारी नौकरियों में मैरिज रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जरूरी होने से भर्ती में भी मिलेगा फायदा।

4. पासपोर्ट बनवाने में भी मदद मिलेगी।

संशोधित एक्ट लागू

'सरकार ने अनिवार्य विवाह पंजीयन अधिनियम 2009 एक्ट में संशोधन किए हैं। बाल विवाह करने वाले जोड़ों का बालिग होने पर विवाह का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। 31 दिसंबर 2005 के बाद बालिग होने वाले जोड़ों का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा।'

गजेंद्र सिंह रलावता, प्रभारी विवाह पंजीयन, नगर निगम

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