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09 मई 2012

कांग्रेसी नेता ने थाने में पुलिस पर फायरिंग कर भाई को छुड़ाया

मुरैना.कांग्रेस नेता व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रघुराज कंषाना ने बुधवार सुबह करीब दो दर्जन लोगों के साथ सिटी कोतवाली पर फायरिंग कर दिल्ली पुलिस की गिरफ्त से अपने भाई को जबरन छुड़ा लिया। बुधवार को दिल्ली पुलिस कांग्रेस नेता के बड़े भाई संजीव कंषाना को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर कोतवाली ले आई थी।

पुलिस पार्टी पर हमले के दौरान आरोपियों ने दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर संदीप पवार की पिस्टल छीनने का प्रयास किया और पुलिस जवानों को भी पीटा। इस हमले के तत्काल बाद पुलिस ने कांग्रेस नेता रघुराज कंषाना पर दस हजार व संजीव कंषाना पर पांच हजार रुपए का इनाम घोषित किया है।

इस मामले में चार नामजद व 25 अज्ञात आरोपियों पर हत्या का प्रयास, लूट व डकैती अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली के ग्रेटर कैलाश थाने के सब इंस्पेक्टर संदीप पंवार के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम मंगलवार रात मुरैना आई थी।

टीम को धोखाधड़ी के मामले में कांग्रेस नेता रघुराज कंषाना के बड़े भाई संजीव कंषाना की तलाश थी। बुधवार सुबह करीब सात बजे दिल्ली पुलिस ने संजीव को हाईवे स्थित उनके कार्यालय के सामने से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद दिल्ली पुलिस संजीव को लेकर सिटी कोतवाली पहुंची। पुलिस टीम कोतवाली पहुंच ही पाई थी, कि इसी दौरान रघुराज कंषाना करीब दो दर्जन लोगों के साथ कोतवाली आ गए और संजीव को जबरन अपने साथ ले जाने लगे।

भीड़ को देखकर दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर श्री पंवार ने आरोपियों पर पिस्टल तान दी और आरोपी को छुड़ाकर ले जाने का विरोध किया, लेकिन आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी और सब इंस्पेक्टर से पिस्टल छीनने का प्रयास किया।

इस पर दिल्ली पुलिस ने भी जवाबी फायर किए, लेकिन आरोपी संजीव को छुड़ाकर ले गए। खास बात यह है कि इस दौरान मुरैना पुलिस, कोतवाली में ही उत्पात होने के बावजूद मामले से दूरी बनाए रही। पुलिस ने कांग्रेस नेता रघुराज कंषाना सहित सभी आरोपियों के खिलाफ 307, 398, 353, 225, 224, 180, 186 व दस्यु अधिनियम 11 व 13 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

मुरैना पुलिस की बड़ी चूक :कोतवाली परिसर में हमला और फिर फायरिंग कर आरोपी को छुड़ाकर ले जाने के घटनाक्रम में मुरैना पुलिस की बड़ी चूक उजागर हुई है। पुलिस से फायरिंग व मारपीट का घटनाक्रम सुबह 7.35 बजे से शुरू हो गया था। 7.50 बजे आरोपी अपने मंसूबों में कामयाब हुए। लेकिन इस दरमियान कोतवाली पुलिस ने कंट्रोल रूम से सहायता नहीं मांगी, बल्कि आरोपियों के जाने के बीस मिनट बाद 8.10 बजे कोतवाली पुलिस ने कंट्रोल रूम को सूचित किया। इसके बाद 8.15 बजे एएसपी व सीएसपी कोतवाली पहुंचे। जबकि कोतवाली टीआई जेपी भट्ट घटना के 35 मिनट बाद 8.25 बजे कोतवाली पहुंचे।

कांग्रेस नेता पहले भी कर चुके हैं पुलिस पर हमला

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व कांग्रेस नेता रघुराज कंषाना पर 2009 में पुलिस पर हमला व सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का मामला भी दर्ज है। लोकसभा चुनाव में तात्कालीन यातायात थाना प्रभारी यशवंत गोयल चुनाव कार्य के लिए निजी वाहनों का अधिग्रहण कर रहे थे। तब रघुराज कंषाना के वाहन को भी यातायात प्रभारी ने पकड़ लिया था। वाहन को छुड़ाने के लिए रघुराज कंषाना ने यातायात थाना प्रभारी से न केवल अभद्रता की बल्कि हमला भी कर दिया। इस पर कांग्रेस नेता पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज किया था।

एक करोड़ की थी धोखाधड़ी

मुरैना निवासी संजीव कंषाना उनके साथी वीरेंद्र कोहली व योगेन्द्र ने दिल्ली के अशोक आहूजा से प्लॉट बेचने के लिए सौदा किया था। इन लोगों ने अशोक आहुजा से एक करोड़ रुपए टोकन मनी के तौर पर ले लिए थे। लेकिन बाद में जमीन बेचने से मुकर गए। इस पर अशोक आहुजा ने पैसे मांगे तो उन्होंने पैसे देने से भी इनकार कर दिया। इसके बाद अशोक आहुजा ने दिल्ली के ग्रेटर कैलाश पुलिस थाने में एक जनवरी को संजीव व उनके साथियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। मामले में आरोपियों ने न्यायालय से अग्रिम जमानत लेने का भी प्रयास किया, लेकिन जमानत नहीं मिली। इस मामले में दिल्ली पुलिस संजीव को गिरफ्तार करने पहले भी दो बार मुरैना आ चुकी है।

क्या बोले अधिकारीः हम जैसे ही संजीव कंषाना को कोतवाली लाए, बीस-पच्चीस लोग आ गए और उसे छुड़ाने लगे। जब विरोध किया तो आरोपियों ने मारपीट की व पिस्टल छीनने का प्रयास किया। साथ ही फायरिंग कर आरोपी को ले गए। संजीव पर ग्रेटर कैलाश थाना में फर्जी लैंड डीलिंग का मामला दर्ज है। इसी मामले में तीन आरोपी हैं, इनमें से संजीव मुरैना का था, इसे पकड़ने आए थे। इनमें से एक आरोपी एनआरआई वीरेंद्र कोहली भी शामिल है। -संदीप पंवार, एसआई, दिल्ली पुलिस

आरोपी दिल्ली पुलिस की जीप का पीछा करते हुए कोतवाली पहुंचे थे, घटनाक्रम अचानक हो गया। वैसे जिस समय बदमाशों ने दिल्ली पुलिस पर कोतवाली में फायरिंग की, कोतवाली में सिर्फ दो कर्मचारी थे। इस बात की जांच की जाएगी कि कोतवाली में तैनात पुलिस कर्मियों ने आला अधिकारियों को सूचना देने में तत्परता क्यों नहीं दिखाई। पूरे मामले की जांच एडीशनल एसपी को सौंपी है। -डीपी गुप्ता, डीआईजी, चंबल रेंज

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