महाभारत में अब तक आपने पढ़ा...अम्बा ने भीष्म को हराने का वरदान मांगा। वह बोली भगवान मैं तो स्त्री हूं। मेरा हृदय शौर्यहीन है तो मैं फिर युद्ध में भीष्म से कैसे जीत सकूंगी? भगवान ने कहा तू अगले जन्म में द्रुपद के यहां कन्या रूप में जन्म लेगी और कुछ समय के बाद तू पुरुष हो जाएगी। इस तरह तेरे हाथों ही भीष्म का वध होगा। अम्बा ने शंकर भगवान से ऐसा वरदान पाकर अगले जन्म में शिखण्डी के रूप में जन्म लिया अब आगे...
महाराज द्रुपद की रानी को पहले कोई पुत्र नहीं हुआ था। इसलिए द्रुपद ने संतानप्राप्ति के लिए तपस्या की और शंकर भगवान से पुत्र प्राप्ति का वर मांगा। शंकर भगवान ने उससे कहा जाओ द्रुपद अब तुम्हे पुत्र होगा। लेकिन वह स्त्री रूप में जन्म लेगा और बाद में पुरुषत्व प्राप्त कर लेगा। उसके बाद महाराज द्रुपद घर लौट आए कुछ महीनों बाद रानी ने गर्भधारण किया। उन्हें महादेवजी की बातों पर पूरा विश्वास था।
कुछ दिनों बाद उनके यहां एक सुंदर कन्या ने जन्म लिया। कन्या जब बड़ी हो गई तब रानी ने राजा द्रुपद से कहा महाराज शिवजी के वर के कारण शिखण्डी का पुरुषत्व प्राप्त करना तो तय है। इसलिए हमें समय से इसका विवाह किसी स्त्री से कर देना चाहिए। राजा द्रुपद ने दर्शाणराज की कन्या से शिखण्डी का विवाह करवा दिया। शादी के बाद दर्शाणराज की कन्या को शिखण्डी के स्त्री होने का पता चला तो उसने अपने पिताजी को संदेश पहुंचवाया। उसके पिता ने जब यह समाचार पाया तो उन्होंने द्रुपद के राज्य पर हमला बोल दिया।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 मई 2012
महाभारत में हुआ स्त्री का स्त्री से विवाह क्योंकि....
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