आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

28 मई 2012

राजस्थान में कोंग्रेस के कार्यकर्ताओं पर कोंग्रेस और सरकार की संगीनों का पहरा लगा हुआ है

राजस्थान में कोंग्रेस के कार्यकर्ताओं पर कोंग्रेस और सरकार की संगीनों का पहरा लगा हुआ है ......जी हाँ दोस्तों यह कोई काल्पनिक गाथा नहीं ..केंद्र हो या प्रदेश किसी ने भी कोंग्रेस के खिलाफ खुद कोंग्रेस के उपेक्षित कार्यकर्ताओं का इतना उबाल इतना गुस्सा नहीं देखा होगा ......बात वाजिब भी है जब दरी पट्टी बिछाने और नारे लगाने की नोबत आये तो कार्यकर्ता है और जब टिकिट या दुसरे पदों पर नियुक्ति की बात आये तो गेर कोंग्रेसी रिटायर्ड अधिकारी या फिर डोक्टर वगेरा को कुर्सी परोस दी जाती है हालात यह होते है के यह लोग सांसद ..विधायक या किसी आयोग वगेरा के चेयरमेन बनने के बाद कोंग्रेस के कार्यकर्ताओं को जूते की नोक पर रखते है ..मंत्री कार्यकर्ताओं को घंटों इन्तिज़ार करवाते है और मुख्यमंत्री केवल एक दिन लोगों से मिलते है वोह भी हवाई वादों से ज्यादा कुछ नहीं होता ..राजस्थान में जितने मुकदमे जितनी परेशानियाँ कोंग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उठाई है शायद दुश्मन पार्टियों के कार्यकाल में भी उन्हें इतनी तकलीफ नहीं हुई है ..कोंग्रेस की गुटबाजी का तो कहना ही क्या राजस्थान में भरतपुर कोंग्रेस कार्यकर्ता सम्मलेन में विश्वेन्द्र सिंह के नेतृत्व में कोंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को भगा भगा कर छुपने पर मजबूर कर देने की गाथा अख़बारों की सुर्खियाँ बनी है बस यह घटना ऐसी थी जिसने कोंग्रेस संगठन को आयना दिखा दिया ......अभी हाल ही में कोटा में कोंग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक हुई ..बैठक की तय्यरियाँ दूध के जले छाछ को भी फूंक फूंक कर पीते है वेसे करते देखे गए ..बैठक से मंत्री तो नदारद थे लेकिन सम्मेलन में कर्यर्क्र्ताओं के फोटू और पास बनाये गये उनकी तलाशी ली गयी ..पुलिस भारी मात्रा में मोजूद रही ..पहली बार कोंग्रेस की किसी मीटिंग में पुलिस का पहरा और डर और खोफ का माहोल देखा गया ..कार्यकर्ता को कार्यकर्ता से और जनता से दूर करने के लियें यह कोंग्रेस के करता धर्ताओं का पहला प्रयास था ................कोटा में जो हुआ वोह कोंग्रेस को कलंकित कर देने वाला है ..मर्यादाओं ..आचरण और अनुशासन के साथ साथ लोकतंत्र की बात करने वाली इस पार्टी को चिंतन करना चाहिए के आखिर ऐसे कोनसे हालात है ऐसी कोनसी वजह है जो आज कोंग्रेस के कार्यकर्ता कोंग्रेस के मंत्रियों और पदाधिकारियों के गिरेबान पकड़ना चाहते है ..आज सड़क पर कोंग्रेस के पदाधिकारियों और मंत्रियों से विपक्ष नाराजगी नहीं दिखा रहा है केवल कार्यकर्ता वोह भी कोंग्रेस का समर्पित होने के बाद भी नेताओं से नाराज़ है इस पर रिसर्च होना चाहिए ..चिंतन होना चाहिए मनन होना चाहिए ..खुद कोंग्रेस हाईकमान को चिंतित होना चाहिए और अपनी मुखबिरी योजना को मज़बूत बनाकर या फिर सेवानिव्रत्त ख़ुफ़िया अधिकारीयों की सेवाएँ लेकर सच को जाने और जो कोई भी पार्टी की लाइन पार कर खुद की लाइन मजबूत कर रहा है पार्टी से खुद को बढ़ा समझ रहा हा उसे बाहर का रास्ता दिखाए एक बार सिर्फ एक बार अगर कोंग्रेस ने यह सख्ती बहादुरी से दिखा दी तो कुछ देरी के लिए तो कोंग्रेस खुद को अकेला महसूस करेगी लेकिन एक बार फिर से कोंग्रेस का चरित्र शुद्धिकरण के बाद उभरेगा उसका उजाला पुरे देश की राजनीति को रोशन कर देगा कोंग्रेस के दिल्ली में बेठे लोगों को एक बार सिर्फ एक बार सत्ता हो चाहे बढ़े नेताओं के भागने का लालच हो सभी की कुर्बानी देना होगी और नये सिरे से एक बार फिर अपने पुराने स्वरूप को ज़िंदा करना होगा तब कहीं देश का बच्चा बच्चा कहेगा के कोंग्रेस जिंदाबाद कोंग्रेस जिंदाबाद ...वरना फिर तो ऐसे ही कोंग्रेस के नेताओं और मंत्रियों को पुलिस की संगीनों के पहरे में अपने कार्यक्रम करना होंगे ..खुद संगठन के चिंतन शिविर भी पहरों में ही चलाना होंगे वोह दिन दूर नहीं जब मंत्री और नेताओं को बुर्के पहन कर सडकों पर निकलना होगा ..इसलिए कोंग्रेस हाईकमान अब इन चोर ..भ्रष्ट ..बेईमान देश और संगठन के दुश्मन नेताओं को दरकिनार कर ले तो बात बन जायेगी यह बात भी सच है के ऐसा करने पर कोंग्रेस संगठन में गिनती के लोग ही रह जायेंगे लेकिन जो बचेंगे वोह राष्ट्रभक्त भी होंगे जनता के सेवक भी होंगे और कोंग्रेस संगठन के वफादार भी होंगे ....काश ऐसा हो जाए तो कोंग्रेस संथान और मेरा भारत महान हो जाए .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...