लखनऊ. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की नई सरकार में कानून व्यवस्था पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। प्रदेश में तकरीबन हर रोज गैंग वार या गोली चलने जैसी घटनाएं हो रही हैं। ऐसा क्यों हो रहा है? इस सवाल का जवाब पुलिस के रवैये से मिल रहा है। प्रदेश की पुलिस के आला अफसरों का रवैया अपराध के बोलबाले के लिए काफी हद तक जिम्मेदार लगता है। सहारनपुर रेंज के डीआईजी एसके माथुर के पास अपनी बहन के 24 घंटों से लापता होने घटना की शिकायत लेकर पहुंचे एक शख्स को डीआईजी ने तालिबानी सलाह देते हुए कहा, 'अगर मेरी बहन होती तो या तो उसे गोली मार देता या फिर खुद मर जाता।'
इससे पहले फरियादी ने डीआईजी से कहा कि उसकी बहन 24 घंटे से लापता है और पुलिस कुछ नहीं कर रही है तो डीआईजी ने जवाब दिया, 'मेरा बस चले तो मैं 24 मिनट में ले आऊं। लेकिन मैं कोई अंतर्यामी नहीं हूं।' डीआईजी और फरियादी के बीच की सारी बातचीत मीडिया ने रिकॉर्ड कर लिया है। जब उत्तर प्रदेश के आला हुक्मरानों की यह सोच है तो सूबे में अपराध पर नकेल एक सपना ही लगती है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
08 मई 2012
डीआईजी के 'तालिबानी' बोल, मेरी बहन भागती तो मार देता या खुद मर जाता
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