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27 मई 2012

नितीन गडकरी जन्मदिन मनाने से डरते क्यों हैं?

नागपुर. भाजपाध्यक्ष नितीन गडकरी ने कहा है कि किसी भी क्षेत्र में कामयाबी के व्यक्तिगत आनंद का महत्व नहीं है। अपनी कामयाबी औरों के लिए आनंददायी होनी चाहिये। अपने जन्मदिन पर मिली शुभकामनाओं का आभार मानते हुए श्री गडकरी ने कहा कि राजनीति में उन्होंने उम्मीद से कहीं ज्यादा पाया है। लोगों के आशीर्वाद से वे और अधिक ऊर्जा के साथ आम लोगों के लिए कार्य करना चाहते हैं।

सत्ता पद के बारे में उन्होंने कहा कि यह भी अजीब बात है कि जो हम मांगते हैं वो नहीं मिलता, जिससे दूर जाते हैं वह गले पड़ता है। 55 वें जन्मदिन पर श्री गडकरी का सत्कार किया गया। नितीन गडकरी अभिनंदन समिति की ओर से रविवार की शाम देशपांडे सभागृह में कार्यक्रम आयोजित किया गया। अपने संबोधन में मां व महापुरुषों को जीवन का आदर्श मानते हुए श्री गडकरी ने कहा कि उनके कार्यो को गरीबों से प्रेम मिला है, वे गरीबों के उत्थान के लिए कार्य करेंगे। विकास के लिए दूरदर्शी सोच पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण आवश्यक है। दाह संस्कार प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में लकड़ी जलायी जाती है। वृक्ष भी जीव है। गैस आधारित संयत्रों का दाह संस्कार में इस्तेमाल हो तो वृक्षों की जान बचेगी।

मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति विकास शिरपुरकर ने कहा कि समाजसेवा के क्षेत्र में काम करने वालों को अहम से बचना चाहिए। कृतित्व की सीमा नहीं होती उसके उड़ने के लिए पंख होता है। उन्होंने श्री गडकरी को नागपुर का गौरव माना। पूर्व सांसद बनवारीलाल पुराहित ने कहा कि आदर्श राजा जनता के प्रति उत्तरदायी होता है। व्यक्तिपूजा से सावधान कराते हुए उन्होंने कहा कि श्री गडकरी पहले ही गणोश परिक्रमा के बारे में बयान देते रहे हैं। उन्हें बढ़ती जिम्मेदारी के साथ सावधानी भी बरतनी होगी। प्रस्तावना गिरीश गांधी ने रखी। उन्होंने कहा कि श्री गडकरी का व्यक्तित्व राजनीतिक दायरे से बाहर आकर सराहना करने योग्य है। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी व वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने भी ऐसे व्यक्तित्व का साथ देना चाहिये। मंच पर कंचन गडकरी, उदयभास्कर नायर, पद्मेश गुप्ता, बलबीरसिंह रेणु, सांसद हंसराज अहिर, सांसद अजय संचेती, महापौर अनिल सोले, जिप अध्यक्ष संध्या गोतमारे, विधायक देवेंद्र फड़णवीस, कृष्णा खोपड़े, सुधीर पारवे, आशीष जैस्वाल समेत अन्य राजनीतिक व व्यवसायिक क्षेत्र के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

नाट्य प्रस्तुति
कार्यक्रम की शुरुआत में अभिनेता शेखर सेन ने संत कवि तुलसीदास के जीवन पर आधारित एकांकी नाटक प्रस्तुत किया। उनकी प्रस्तुति की सभी ने सराहना की। उनका श्री गडकरी ने सत्कार भी किया।

अर्थ का अनर्थ न हो जाए

सत्कार कार्यक्रम एकदम सादगीपूर्ण रहा। राजनीतिक उत्साह नजर नहीं आया। श्री गडकरी ने कहा कि वे अर्थ का अनर्थ होने से सचेत रहने लगे हैं। अक्सर मीडिया में ऐसी खबरें आने लगती है जो अनर्थ की परिचायक हैं। सावधानी बरतते हुए वे मंच से कम बोलने लगे हैं। हर वर्ष जन्मदिन समारोह मनाने की चाह नहीं है। लोगों के प्रेम को सम्मान करना पड़ता है। ऐसे समारोह का कोई अनर्थ न लगाएं।

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