सऊदी अरब में अपनी पत्नी के साथ मारपीट करने के मामले में दोषी पाए गए एक व्यक्ति को अदालत ने कुरान और पति-पत्नी के सम्बंधों पर आधारित दो अन्य इस्लामी किताबें पढ़ने का दंड दिया। बाद में उसकी एक परीक्षा ली जाएगी, जिसमें देखा जाएगा कि उसने किताबों से क्या सीखा।
गल्फ न्यूज ने सऊदी दैनिक ‘अल मदीना’ के हवाले से बताया है कि दोषी व्यक्ति को कुरान के 30 हिस्सों में से पांच हिस्से व पैगम्बर मोहम्मद के 100 कथन याद करने के लिए कहा गया है।
जेद्दा के रेड सी रिसॉर्ट की एक अदालत ने उसे अपनी पत्नी को 7,000 रियाल (करीब 1,900 डॉलर) देने और महिला अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
प्रताड़ना की शिकार बनी महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि उसने अपने पति के साथ अपने चचेरे भाई से अस्पताल जाकर मिलने की इच्छा जतायी थी। इस पर हुए विवाद में पति ने उसके साथ मारपीट की। पति, पत्नी की बाहर जाने की इच्छा से नाराज हो गया और उसने उसके साथ मारपीट की।
Nice .
जवाब देंहटाएंईश्वर सबको सर्वत्र उपलब्ध है। केवल उसके बोध और स्मृति की ज़रूरत है। पवित्र कुरआन इनसान की हर ज़रूरत को पूरा करता है। इसकी शिक्षाएं स्पष्ट,सरल हैं और वर्तमान काल में आसानी से उनका पालन हो सकता है। पवित्र कुरआन की रचना किसी मनुष्य के द्वारा किया जाना संभव नहीं है। इसके विषयों की व्यापकता और प्रामाणिकता देखकर कोई भी व्यक्ति आसानी से यह जान सकता है कि इसका एक-एक शब्द सत्य है।
आधुनिक वैज्ञानिक खोजों के बाद भी पवित्र कुरआन में वर्णित कोई भी तथ्य गलत नहीं पाया गया बल्कि उनकी सत्यता ही प्रमाणित हुई है। कुरआन की शब्द योजना में छिपी गणितीय योजना भी उसकी सत्यता का एक ऐसा अकाट्य प्रमाण है जिसे कोई भी व्यक्ति जाँच परख सकता है।
http://www.islamdharma.blogspot.in/2010/07/miracle-of-quran.html