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15 मई 2012

महिला के सभी अंग उल्टी तरफ देख हैरत में डॉक्टर, आईना देखकर की सर्जरी!

कोटा.35 वर्षीय महिला के हार्ट सहित सभी भीतरी अंगों को उल्टी तरफ देखकर एक बार तो डॉक्टर चौंक गए, लेकिन फिर गॉल ब्लेडर से पथरी निकालने के लिए ओपन सर्जरी की बजाय देशी जुगाड़ अपनाया। एंडोस्कोपी स्क्रीन के सामने आइना रखकर गॉल ब्लेडर से कई स्टोन निकाल दिए। कोटा के ग्लोबल मोदी अस्पताल में मंगलवार को अपनी तरह का ऐसा पहला ऑपरेशन हुआ।

महावीरनगर में रहने वाली 35 साल की महिला के शरीर में दिल ही नहीं, पित्ताशय की थैली (गाल ब्लेडर), लीवर, आंत, आमाशय सहित कई अंग उल्टी दिशा में देख डॉक्टर भी चकित रह गए। सोमवार को पेट में तेज दर्द की शिकायत लेकर ग्लोबल मोदी अस्पताल पहुंची। इस महिला की जब ईसीजी जांच की गई तो पता चला कि उसका हार्ट बांयी ओर की बजाय दांयीं ओर है। सोनोग्राफी करने पर गॉल ब्लेडर में पथरी का पता चला, लेकिन यह भी उल्टी दिशा (बांयी ओर) में थी।

50 हजार में होता है एक

मेडिकल साइंस में ऐसे दुर्लभ रोगी को ‘साइट्स इन्वर्स टोटली’ (एसआईटी) कहा जाता है। 50 हजार रोगियों में से किसी एक में ही ऐसा होता है। लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ.सीपी सिंह ने बताया कि आमतौर पर ऐसे दुर्लभ मामले में रोगी की ओपन सर्जरी की जाती है, लेकिन उन्होंने इसे चुनौती मानते हुए दूरबीन से सर्जरी करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने उल्टी दिशा में एंडोस्कोपी जांच करके दूरबीन सर्जरी के लिए एक अनोखा देशी नुस्खा अपनाया।

देशी तकनीक से की जटिल सर्जरी

ऑपरेशन थिएटर में रोगी को टेबल पर लिटाकर कंप्यूटर स्क्रीन के सामने एक शीशा रखा, जिससे उलटी दिशा के सभी अंग दूरबीन में सीधे दिखाई दिए। रोगी को मानसिक रूप से तैयार करके उल्टी दिशा में छेद करके स्क्रीन के आगे शीशे में देखते हुए सावधानी से पित्ताशय की थैली से पथरी के कई टुकड़े बाहर निकाले।

क्या है ‘साइट्स इन्वर्स टोटली’

किसी रोगी के शरीर में दायें-बायें अंग जन्म से विपरीत दिशा में हों तो उन्हें ‘साइट्स इन्वर्स टोटली’ कहा जाता है। जैसे- हार्ट बांयी ओर न होकर दांयीं ओर हो। पित्ताशय, लीवर, आंत, आमाशय आदि अंग उल्टी दिशा में हों और ऐसे में कोई बीमारी हो जाए तो उसका ऑपरेशन करना काफी जटिल हो जाता है। क्योंकि सर्जन एक ही दिशा में सर्जरी करने के अभ्यस्त होते हैं।

नेशनल कान्फ्रेंस में दिखाएंगे डेमो

डॉ.सिंह ने बताया कि विदेश में लेप्रोस्कोपी सर्जरी कर रहे डॉक्टर्स ने भी इस केस को असामान्य व अनूठा बताया है। अमेरिका में 0.01 फीसदी मामलों में ही ऐसा कोई रोगी सामने आता हैं। वे इसका लाइव डेमो लेप्रोस्कोपिक सर्जन की नेशनल कांफ्रेंस में दिखाएंगे। सर्जन डॉ.मोहम्मद इकबाल ने बताया कि मेडिकल साइंस में साइट्स इन्वर्स टोटली के केस बिरले रोगियों में ही सामने आता है।

3 टिप्‍पणियां:

  1. बेनामीमई 15, 2012 10:20 pm

    ye kafi mazedar news hai,kudrat bhi ajeeb hai
    http://blondmedia.blogspot.in/

    जवाब देंहटाएं
  2. कुदरत के खेल निराले

    जवाब देंहटाएं
  3. बेनामीमई 16, 2012 2:40 am

    आखिर असली जरुरतमंद कौन है
    भगवन जो खा नही सकते या वो जिनके पास खाने को नही है
    एक नज़र हमारे ब्लॉग पर भी
    http://blondmedia.blogspot.in/2012/05/blog-post_16.html

    जवाब देंहटाएं

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