स्कूलों में चार दीवारी नहीं हैं। आए दिन उनकी जमीन पर अतिक्रमण हो रहे हैं। प्राथमिक स्कूलों की कक्षाओं में जानवर तक बैठे रहते हैं। उन्होंने मिडिल व सैकंडरी स्कूलों की पीड़ा बताई कि शहर में ऐसे स्कूल है जहां चार दीवारी का अभाव है।
वहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। रात के समय शराब का सेवन करते हैं। इस तरह की शिकायतें उन्हें पिछले दिनों संसदीय दौरे में लोगों ने बताई। उन्हांेने कहा कि यहां की स्थिति को स्वयं ने भी देखा है। इससे अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि सभी स्कूलों में चार दीवारी, खेल मैदान एवं शौचालय की सुविधा सुनिश्चित की जाए।
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