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21 अप्रैल 2012

नक्सलियों का दुस्साहसः कलेक्टर को किया अगवा, दो बॉडीगार्ड शहीद

जगदलपुर/सुकमा/रायपुर.नक्सलियों ने लगातार दूसरे दिन बड़े दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दिया। शुक्रवार को सुराज दल के तीन सदस्यों की हत्या करने के बाद उन्होंने शनिवार की शाम करीब 4.30 बजे सुकमा के कलेक्टर अलेक्स पाल मेनन वी का अपहरण कर लिया। नक्सलियों ने कलेक्टर के दो सुरक्षा गार्डो की हत्या भी कर दी। घटना जिला मुख्यालय सुकमा से 20 किमी दूर एनएच 30 पर स्थित केरलापाल की है।

कलेक्टर मेनन सुबह 11 बजे सुकमा से ग्राम सुराज अभियान का जायजा लेने के लिए निकले थे। बड़े सेट्टी और केरलापाल में ग्राम सुराज की चौपाल आयोजित की गई थी। कलेक्टर ने अमले को अपने वाहन से रवाना कर दिया और वे कुछ अधिकारियों के साथ एनएच 30 के बजाय दूसरे रास्ते से मोटरसाइकिल से शाम 4 बजे केरलापाल के मांझीपारा पहुंचे। चौपाल में करीब 200 ग्रामीण मौजूद थे। कलेक्टर का एक सुरक्षा गार्ड अमजद खान मंच के आगे और दूसरा किसुन कुजूर पीछे तैनात हो गया।
इसी बीच ग्रामीणों की वेशभूषा में एक नक्सली मंच के पीछे पहुंचा और कुजूर को दबोच कर चाकू से हमला कर दिया। इसके बाद नक्सली ने गार्ड की राइफल छिनकर उस पर गोलियां दाग दीं। इससे वहां अफरातफरी मच गई। इस बीच मंच के सामने तैनात सुरक्षा गार्ड खान ने हमलावर को अपनी 9 एमएम की पिस्टल से नजदीक से गोली मारकर ढेर कर दिया। तब तक और भी हथियारबंद नक्सली वहां पहुंच गए और हवाई फायर करने लगे। खान तालाब की ओर भागा। नक्सलियों ने पीछा करते हुए उसे गोली मार दी। उन्होंने दोनों गार्डो के हथियार एके 47 राइफल और 9 एमएम की पिस्टल भी लूट ली।
इस बीच ग्रामीणों की वेशभूषा में चार-पांच नक्सली मंच पर आकर कलेक्टर कौन है चिल्लाने लगे। उस समय मेनन स्कॉर्पियो पर सवार होकर वहां से निकल रहे थे। जींस और आसमानी हाफ शर्ट पहने मेनन पर नक्सलियों की नजर पड़ गई और उन्होंने वाहन को चारों ओर से घेर लिया। इसके बाद महिला नक्सलियों ने गाली-गलौच करते हथियार की नोक पर कलेक्टर को कोयाबेकुर के जंगलों की ओर ले गए। वे अपने साथी की लाश भी साथ ले गए। घटना के वक्त कलेक्टर मेनन के साथ डिप्टी कलेक्टर एसपी वैद्य, तहसीलदार टीजे अजापाल समेत अन्य अधिकारी भी थे।
सुकमा के पहले कलेक्टर
कलेक्टर अलेक्स पाल मेनन 2006 बैच के आईएएस हैं। इसी साल 1 जनवरी को सुकमा जिले के अस्तित्व में आने के बाद वे यहां के पहले कलेक्टर बने। कलेक्टर के रूप में यहां उनकी पहली पदस्थापना थी। इससे पहले वे बीजापुर के सीईओ थे। तमिलनाडु के तिरूनीलवेली के रहने वाले मेनन आरवीएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी डिंडिगुलसे स्नातक हैं। 24 अक्टूबर 2011 को उनकी शादी आशा अलेक्स से हुई।
शबरी पार से भी ओडिशा कलेक्टर का अपहरण
इलाके की शबरी नदी के पार ओडिशा का मलकानगिरी जिला लगता है। जहां के कुड़मुलगुम्मा ब्लॉक के पापड़मेटला से 16 फरवरी 2011 को माओवादियों ने कलेक्टर आर विनील कृष्णा का अपहरण कर लिया था। 8 दिनों बाद जन अदालत में पेश करने के बाद उनकी रिहाई हो पाई थी।

24 घंटे पहले हुई घटना से सबक नहीं
माओवादियों ने शुक्रवार की शाम बीजापुर जिले के मद्देड़ के करीब बारूदी सुरंग विस्फोट कर ग्राम सुराज दल के काफिले के एक वाहन को उड़ा दिया था। इसमें जिला पंचायत सदस्य समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। माओवादियों ने विधायक महेश गागड़ा को निशाना बनाया था, लेकिन दूसरे वाहन में होने के कारण वे बाल-बाल बच गए।

केरलापाल की घटना, ग्रामीणों की वेशभूषा में ग्राम सुराज के चौपाल में थे नक्सली
अपहरण की वजह
- अबूझमाड़ में संयुक्त बलों का ऑपरेशन। - पतझड़ की वजह से अगले दो महीने नक्सलियों को भारी पड़ सकते हैं। जंगल में विजिबिलिटी अच्छी हो जाती है। फोर्स रात में भी मूवमेंट पकड़ा जा सकता था।
- पुलिस में शामिल किए गए एसपीओ की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। वह भी एक से सवा महीने में अपने इलाकों में लौट आएंगे। इसके बाद नक्सलियों के लिए सुरक्षा बलों के साथ लड़ाई मुश्किल हो जाती।
- फोर्स का प्रेशर घटाने के लिए किसी नेता या बड़े अफसर का अपहरण नक्सलियों की रणनीति रही है।
- आंध्रप्रदेश में उन्होंने कई बार ऐसा किया। उड़ीसा में पहले कलेक्टर और अब विधायक के अपहरण का फायदा भी उन्होंने लिया।
- नक्सली चाहते हैं कि अगले एक से डेढ़ महीने तक फोर्स जंगल से बाहर रहे। खासकर अबूझमाड़ और साउथ बस्तर से।
यह हो सकती हैं मांगें
बस्तर और अन्य इलाकों से फोर्स को बाहर किया जाए। नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन बंद किए जाएं। नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के सदस्य नारायण सान्याल समेत कई नेता इस समय राज्य की जेलों में बंद हैं। उनको भी छुड़ाने की कोशिश की जा सकती है।
फोर्स क्या कर रही
बेगमपेठ से यूएवी की मदद लेने का प्रयास किया जा रहा है। आसपास के इलाके से फोर्स को रवाना किया गया है। सर्च ऑपरेशन जारी है।
आगे क्या
विशेषज्ञों के अनुसार नक्सलियों की लोकल टीम ने ही इस वारदात को अंजाम दिया। जहां से पाल को अगवा किया गया, वहां एक दिन पहले ही कार्यक्रम तय हुआ था। उनका वहां जाने का भी कार्यक्रम नहीं था। अपहरण करने के बाद नक्सलियों की पहली कोशिश तो यही होगी कि कलेक्टर को लेकर वह किसी सुरक्षित इलाके में पहुंच जाएं। इस बीच सीपीआई माओवादी के बड़े नेताओं से संपर्क कर रणनीति बनाई जाएगी। इसके बाद का सारा काम बड़े नेता ही देखेंगे। अफसरों को उम्मीद है कि रविवार की शाम या रात तक नक्सलियों की तरफ से कोई संदेश आ सकता है।
पहले किया था अलर्ट
ओडिशा में इटालियन पर्यटकों और बीजद के विधायक के अपहरण के बाद से ही इंटेलिजेंस एजेंसियों ने पूरे राज्य के संवेदनशील इलाकों के अफसरों, विधायकों, सांसदों को अलर्ट किया था। चार दिन पहले भी खुफिया एजेंसियों ने दोबारा एक अलर्ट जारी किया था। पुलिस के पास इस बात की पुख्ता जानकारी थी कि नक्सली बड़े नेताओं को अगवा कर सकते हैं।
नक्सली मेरे पति को छोड़ दें : आशा
अगवा कलेक्टर की पत्नी आशा एलेक्स ने नक्सलियों से अपने पति को छोड़ने की अपील की है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके पति की तबीयत ठीक नहीं है। नक्सलियों ने अब तक कोई मांग नहीं रखी है।
कलेक्टर को रिहा करें : रमन
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने नक्सलियों ने अपील की है कि वह सुकमा कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन को रिहा कर दें। उन्होंने कहा कि मेनन को छुड़वाने के लिए सरकार की ओर से सभी प्रयास किए जाएंगे।

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